पंजाब के फरीदकोट में साल 2015 में हुए धार्मिक ग्रंथ बेअदबी कांड के बाद शुरु हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के मामले में सात साल बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) ने संकेत दिया है कि सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम द्वारा बदला लेने की साजिश के तहत अपराध किया गया था. एसआईटी को बेअदबी की घटना में कोई राजनीतिक संलिप्तता नहीं मिली. बता दें कि घटना के संबंध में सिख संगठनों व कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) समेत अन्य राजनीतिक दलों द्वारा दावा किया गया था कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) जो तत्ताकालीन सत्ताधारी पार्टी थी की पूरी घटना में भूमिका है.
फाइनल एसआईटी रिपोर्ट के आने के बाद शिरोमणि अकाली दल ने अब आप और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि एसआईटी की रिपोर्ट ने 2015 में बरगारी गांव में हुई बेअदबी के मामलों के लिए दोनों पार्टियों की साजिश को 'उजागर' कर दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि " घटनाओं का डेरा सच्चा सौदा के साथ सीधा संबंध था और इन मामलों में शामिल आरोपी व्यक्ति उक्त डेरा के अनुयायी हैं."
The @AamAadmiParty, @INCIndia and other anti Panth conspirators exposed as SIT report vindicates Shiromani Akali Dal's stand and proves its innocence. 🙏🏼https://t.co/AyUlPCwoxf
— Shiromani Akali Dal (@Akali_Dal_) July 2, 2022
हालांकि, विशेष जांच दल की 467 पन्नों की रिपोर्ट में कोटकपूरा और बहबल कलां में बेअदबी की घटनाओं के बाद हुई गोलीबारी की घटना शामिल नहीं है. एसआईटी के निष्कर्षों के बाद कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैरा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधा है.
While in opposition @BhagwantMann often alleged that Badals & Capt are hand in glove particularly over “Bargari” issues and that @capt_amarinder protects Badals in Behbal killings despite evidence but he's virtually given a clean chit to them in the final report of SIT on”Beadbi” pic.twitter.com/vGoBxuLl2m
— Sukhpal Singh Khaira (@SukhpalKhaira) July 3, 2022
बता दें कि वर्ष 2015 के धार्मिक ग्रंथ बेअदबी मामलों से संबंधित पंजाब पुलिस की अंतिम जांच रिपोर्ट में सिरसा में स्थित डेरा सच्चा सौदा को इन घटनाओं का जिम्मेदार बताया गया है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को यहां चमकौर सिंह और मेजर सिंह पंडोरी समेत सिख नेताओं को पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) की 467 पृष्ठ की रिपोर्ट सौंपी. पुलिस महानिरीक्षक एस पी एस परमार के नेतृत्व वाले विशेष जांच दल ने घटनाओं की जांच की और 21 अप्रैल को राज्य के पुलिस महानिरीक्षक को रिपोर्ट सौंपी.
दरअसल, वर्ष 2015 में फरीदकोट में गुरु गंथ साहिब की एक 'बीर' (प्रतिलिपि) चोरी होने, बेअदबी संबंधी हस्तलिखित पोस्टर और पवित्र ग्रंथ के फटे पन्ने बिखरे हुए मिलने की घटनाएं सामने आई थीं. इन घटनाओं के कारण फरीदकोट में विरोध प्रदर्शन हुआ था।.अक्टूबर 2015 में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोलीबारी में बेहबल कलां में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि फरीदकोट के कोटकपूरा में कुछ लोग घायल हो गए थे.
रिपोर्ट के अनुसार डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बेअदबी की तीन घटनाओं में नामजद किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, तीन घटनाओं का ''डेरा सच्चा सौदा से सीधा संबंध है और इन मामलों में शामिल आरोपी उक्त डेरे के अनुयायी हैं.''
यह भी पढ़ें -
-- राहुल के वीडियो पर ‘झूठ' फैलाने के लिए माफी मांगे भाजपा, अन्यथा कानूनी कार्रवाई होगी: कांग्रेस
-- BJP ने उदयपुर के दर्जी हत्याकांड के आरोपी से संबंध को नकारा, कांग्रेस ने फोटो शेयर कर लगाए थे आरोप
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं