सिद्धरमैया सरकार ने पांच किलो चावल के बदले नकदी के भुगतान की शुरुआत की

राज्य सरकार ने चुनावी गारंटी पूरी करने के लिए बड़ी मात्रा में चावल की खरीद में आने वाली मुश्किलों के चलते अतिरिक्त पांच किलोग्राम चावल के लिए 34 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से लाभार्थियों को नकदी के भुगतान का फैसला लिया था.

सिद्धरमैया सरकार ने पांच किलो चावल के बदले नकदी के भुगतान की शुरुआत की

बेंगलुरु:

(भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राज्य सरकार की ‘अन्न भाग्य योजना' के तहत लाभार्थियों को पांच किलोग्राम अतिरिक्त चावल के बदले नकदी के भुगतान की सोमवार को शुरुआत की. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) कार्यक्रम की शुरुआत के साथ ही राज्य की कांग्रेस सरकार ने मई में हुए चुनाव से पहले घोषित पांच गारंटी में से एक और गारंटी पर अमल शुरू कर दिया.

राज्य सरकार ने चुनावी गारंटी पूरी करने के लिए बड़ी मात्रा में चावल की खरीद में आने वाली मुश्किलों के चलते अतिरिक्त पांच किलोग्राम चावल के लिए 34 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से लाभार्थियों को नकदी के भुगतान का फैसला लिया था. यह योजना बीपीएल और अंत्योदय परिवार के प्रत्येक सदस्य पर लागू है. सिद्धरमैया ने डीबीटी की शुरुआत करते हुए कहा कि इस योजना से कुल 4.42 करोड़ लोगों को फायदा होगा. यह योजना आज दो जिलों- मैसुरु और कोलार- में शुरू की गई और राज्य के सभी जिलों को इसी महीने में कवर किया जाएगा.

उन्होंने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर पर्याप्त स्टॉक होने के बावजूद भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से खरीदे गए चावल से राज्य को वंचित करके 'गंदी राजनीति' करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “हमने जुलाई में योजना शुरू करने का वादा किया था, हमने आपूर्ति के लिए चावल मिलने तक प्रति व्यक्ति 34 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से 170 रुपये प्रतिमाह देने का फैसला किया. इस बीच, सरकार ने खुले बाजार से चावल खरीदने के लिए निविदाएं भी आमंत्रित की हैं.''

सिद्धरमैया ने कहा कि इस पर प्रतिवर्ष कुल 10,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. उन्होंने याद दिलाया कि 10 साल पहले इसी दिन, जब वह पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तो उन्होंने 'अन्न भाग्य' योजना शुरू की थी. इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार, मंत्री एच. के. पाटिल, रामलिंगा रेड्डी और के. जे. जॉर्ज सहित सिद्धरमैया के कई कैबिनेट सहयोगी उपस्थित थे. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के.एच. मुनियप्पा ने कहा कि धनराशि सबसे पहले मैसुरु और कोलार जिलों के लाभार्थियों को हस्तांतरित की जाएगी.

उन्होंने कहा, “कल से, राज्य के सभी लाभार्थियों को चरणबद्ध तरीके से हर दिन पैसा हस्तांतरित किया जाएगा. रामानगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बागलकोटे, यादगीर और धारवाड़ से शुरू करके... हम लगभग 10 दिनों में सभी जिलों को कवर करेंगे.” राज्य सरकार के मुताबिक कर्नाटक में 'अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता परिवार' के 1.28 करोड़ राशन कार्ड हैं.

सरकार ने पिछले महीने सार्वजनिक परिवहन बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की शुरुआत करके पहली चुनावी गारंटी 'शक्ति' पूरी कर दी थी. वहीं घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की 'गृह ज्योति' योजना इस महीने की शुरुआत से ही लागू हो चुकी है, लेकिन इस महीने का बिजली बिल अगस्त की शुरुआत में आएगा.

शेष दो गारंटी, जिन्हें सरकार जल्द ही लागू करने के लिए कदम उठा रही है, उनमें प्रत्येक परिवार की महिला मुखिया (गृह लक्ष्मी) को 2,000 रुपये की मासिक सहायता और बेरोजगार स्नातक युवाओं के लिए हर महीने 3,000 रुपये व बेरोजगार डिप्लोमाधारकों के लिए 1,500 रुपये (युवा निधि) की गारंटी शामिल है.

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