शिवसेना ने पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) के लिये पाकिस्तान को जवाब देने के भाजपा शासित केंद्र सरकार के रुख पर सवाल उठाए हैं. पार्टी ने सरकार से कहा कि वह पाकिस्तान (Pakistan) को सबक सिखाने के लिये लोकसभा चुनाव तक इंतजार न करे. शिवसेना (Shivsena) के मुखपत्र ''सामना'' में प्रकाशित एक लेख में यह भी कहा गया कि मोदी सरकार (Modi Govt) हमले की निंदा करने के लिये अमेरिका और यूरोपीय देशों पर निर्भर न रहे. शिवसेना ने कहा, हमें समर्थन के लिए अमेरिका और यूरोपीय देशों की ओर देखने के बजाय खुद ही लड़ाई लड़नी होगी."
शिवसेना ने कहा कि सोशल मीडिया पर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध चल रहा है. पार्टी के मुताबिक यह लोकसभा चुनाव शुरू होने की निशानी है. सोशल मीडिया पर चल रहा यह युद्ध बंद होना चाहिए.
साथ ही लेख में कहा गया है, 'सैनिकों की शहादत और आतंकवादी हमले चुनाव जीतने का हथकंडा बन चुके हैं. इस तरह देश दुश्मनों का सामना कैसे करेगा. पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिये सिर्फ बयानबाजी हो रही है. पहले आप जवाब दें और फिर बोलें. हम पठानकोट, उरी और अब पुलवामा हमले के बाद से ही चेतावनी दे रहे हैं.' शिवसेना ने कहा, 'हमले को लेकर डोनाल्ड ट्रंप, फ्रांस और ईरान ने जो कहा है उसी को लेकर हम अपनी पीठ थपथपा रहे हैं.'
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पार्टी ने कहा कि श्रीलंका ने लिट्टे समस्या खत्म की और दुनिया ने उसकी तारीफ की. इसी तरह अमेरिका ने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा बिन लादेन को मार गिराया और दुनिया ने उसके साहस की सराहना की.
(इनपुट- भाषा)
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