दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर ‘सुविधा की राजनीति’करने का आरोप लगाते हुए शिवसेना ने कहा कि अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री पाकिस्तानी गायक गुलाम अली की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आप कार्यकर्ताओं को नियुक्त कर सकते हैं तो राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वह पुलिस पर निर्भर क्यों हो रहे हैं।
दिल्ली में दो बच्चियों से दुष्कर्म के बाद शिवसेना की प्रतिक्रिया
शिवसेना की यह टिप्पणी राष्ट्रीय राजधानी में हाल में दो बच्चियों के साथ बर्बर दुष्कर्म की घटनाओं की पृष्ठभूमि में आयी है। केजरीवाल ने इन घटनाओं की निंदा करते हुए दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा था और कहा था कि वह नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराने में ‘पूरी तरह से नाकाम’ रही है। इसके साथ ही केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया था कि ‘या तो खुद कार्रवाई करें’या राजधानी में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी आप सरकार को सौंप दें।
केजरीवाल का समय केंद्र और उपराज्यपाल से लड़ने में होता है खर्च
शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित एक संपादकीय में कहा गया है, केजरीवाल का आधा समय केंद्र तथा उपराज्यपाल से लड़ने में खर्च हो जाता है। अगर दिल्ली पुलिस का नियंत्रण उनके पास आ जाए तो भी स्थिति में सुधार हो जाएगा, ऐसा कोई चिह्न नहीं दिखता।
डेंगू को लेकर भी निशाना साधा
शिवसेना ने आम आदमी पार्टी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग केजरीवाल के पास है, लेकिन डेंगू के कारण कई लोगों की मौत हो गई। पार्टी ने कहा कि जो सरकार मच्छरों को नहीं रोक सकती, वह गुंडागर्दी, बलात्कारियों और आतंकवादियों को कैसे रोकेगी?
शिवसेना ने कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों की रक्षा के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता सिर्फ देश के दुश्मनों को शक्ति देने के लिए है।
इसमें कहा गया है, केजरीवाल ने दिल्ली में गुलाम अली के कार्यक्रम की मेजबानी की पेशकश की है। अगर आप के सैंकड़ों कार्यकर्ता पाकिस्तानी कलाकारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सड़कों पर आ सकते हैं तो वे महिलाओं की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी क्यों नहीं उठा लेते?
सुविधा की राजनीति कर रहे हैं केजरीवाल
पार्टी ने कहा, आप का कहना है कि पाकिस्तानियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उन्हें पुलिस की जरूरत नहीं है, तो कानून व्यवस्था की स्थिति पर नियंत्रण तथा बलात्कारियों को रोकने के लिए उन्हें पुलिस की क्यों जरूरत है? शिवसेना ने कहा, वे पुलिस को अपने नियंत्रण में लाने के लिए केंद्र के साथ लड़ रहे हैं। यह सिर्फ सुविधा की राजनीति है। दिल्ली के लोग उनकी :आप: सरकार से उब गए हैं, पाकिस्तानी नागरिकों की सुरक्षा महिलाओं की सुरक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
दिल्ली में दो बच्चियों से दुष्कर्म के बाद शिवसेना की प्रतिक्रिया
शिवसेना की यह टिप्पणी राष्ट्रीय राजधानी में हाल में दो बच्चियों के साथ बर्बर दुष्कर्म की घटनाओं की पृष्ठभूमि में आयी है। केजरीवाल ने इन घटनाओं की निंदा करते हुए दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा था और कहा था कि वह नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराने में ‘पूरी तरह से नाकाम’ रही है। इसके साथ ही केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया था कि ‘या तो खुद कार्रवाई करें’या राजधानी में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी आप सरकार को सौंप दें।
केजरीवाल का समय केंद्र और उपराज्यपाल से लड़ने में होता है खर्च
शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित एक संपादकीय में कहा गया है, केजरीवाल का आधा समय केंद्र तथा उपराज्यपाल से लड़ने में खर्च हो जाता है। अगर दिल्ली पुलिस का नियंत्रण उनके पास आ जाए तो भी स्थिति में सुधार हो जाएगा, ऐसा कोई चिह्न नहीं दिखता।
डेंगू को लेकर भी निशाना साधा
शिवसेना ने आम आदमी पार्टी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग केजरीवाल के पास है, लेकिन डेंगू के कारण कई लोगों की मौत हो गई। पार्टी ने कहा कि जो सरकार मच्छरों को नहीं रोक सकती, वह गुंडागर्दी, बलात्कारियों और आतंकवादियों को कैसे रोकेगी?
शिवसेना ने कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों की रक्षा के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता सिर्फ देश के दुश्मनों को शक्ति देने के लिए है।
इसमें कहा गया है, केजरीवाल ने दिल्ली में गुलाम अली के कार्यक्रम की मेजबानी की पेशकश की है। अगर आप के सैंकड़ों कार्यकर्ता पाकिस्तानी कलाकारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सड़कों पर आ सकते हैं तो वे महिलाओं की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी क्यों नहीं उठा लेते?
सुविधा की राजनीति कर रहे हैं केजरीवाल
पार्टी ने कहा, आप का कहना है कि पाकिस्तानियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उन्हें पुलिस की जरूरत नहीं है, तो कानून व्यवस्था की स्थिति पर नियंत्रण तथा बलात्कारियों को रोकने के लिए उन्हें पुलिस की क्यों जरूरत है? शिवसेना ने कहा, वे पुलिस को अपने नियंत्रण में लाने के लिए केंद्र के साथ लड़ रहे हैं। यह सिर्फ सुविधा की राजनीति है। दिल्ली के लोग उनकी :आप: सरकार से उब गए हैं, पाकिस्तानी नागरिकों की सुरक्षा महिलाओं की सुरक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
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