
शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे
जलगांव:
शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उनकी पार्टी को 'केंचुआ' बोलने पर राकांपा के वरिष्ठ नेता अजीत पवार पर पलटवार करते हुए कहा कि केंचुला किसानों का सर्वश्रेष्ठ मित्र होता है. ठाकरे ने उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव में किसानों को संबोधित करते हुए कहा, 'सहमत हूं कि हम केंचुए की तरह हैं, लेकिन भूलिए मत कि केंचुआ किसानों का सर्वश्रेष्ठ मित्र होता है.' ठाकरे ने ये टिप्पणियां ऐसे समय कीं जब पवार ने कुछ दिन पहले शिवसेना की तुलना 'दो मुंह वाले केंचुए' से की थी और पार्टी पर विभिन्न मुद्दों पर अलग अलग भाषा में बोलने का आरोप लगाया था.
मालूम हो कि सोमवार को महाराष्ट्र की सरकार में शामिल शिवसेना ने राज्य भर के जिला बैंकों के बाहर ढोल बजाओ आंदोलन किया था. कार्यकर्ताओं को इस आंदोलन के आदेश पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दिए थे. राज्य सरकार ने 24 जून को ऐलान किया था कि सरकार 34 हजार किसानों की कर्जमाफी कर रही है. इस फैसले के तहत किसानों का डेढ़ लाख रुपये का कर्ज माफ होने जा रहा है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यभर के छोटे किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया है. इस ऐलान पर कितना अमल हुआ है, यह जानने के लिए शिवसैनिकों ने यह आंदोलन किया. आंदोलन में शिवसेना के सांसद और स्थानीय नेता शामिल हुए. कर्जमाफी का लाभ किसे मिला और अब तक कितनों को मिला, इसका हिसाब शिवसेना ने मांगा है.
गौरतलब है कि कर्जमाफी का फैसला लेने वाली कमेटी में शिवसेना के मंत्री भी सदस्य हैं. यह कमेटी कर्जमाफी से जुड़े फैसले से पहले कई बैठकें कर चुकी है और फैसले के बाद भी कमेटी सक्रिय है. ऐसे में विपक्ष ने शिवसेना के आंदोलन का मजाक उड़ाया है. एनसीपी नेता अजित पवार ने शिवसेना को केंचुआ कहा है. अजित पवार का कहना है कि पार्टी सत्ता में रहते हुए जो भूमिका निभा रही है वह किसी दोमुंहे केंचुए जैसी है.
इनपुट: प्रसाद काथे/भाषा
मालूम हो कि सोमवार को महाराष्ट्र की सरकार में शामिल शिवसेना ने राज्य भर के जिला बैंकों के बाहर ढोल बजाओ आंदोलन किया था. कार्यकर्ताओं को इस आंदोलन के आदेश पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दिए थे. राज्य सरकार ने 24 जून को ऐलान किया था कि सरकार 34 हजार किसानों की कर्जमाफी कर रही है. इस फैसले के तहत किसानों का डेढ़ लाख रुपये का कर्ज माफ होने जा रहा है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यभर के छोटे किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया है. इस ऐलान पर कितना अमल हुआ है, यह जानने के लिए शिवसैनिकों ने यह आंदोलन किया. आंदोलन में शिवसेना के सांसद और स्थानीय नेता शामिल हुए. कर्जमाफी का लाभ किसे मिला और अब तक कितनों को मिला, इसका हिसाब शिवसेना ने मांगा है.
गौरतलब है कि कर्जमाफी का फैसला लेने वाली कमेटी में शिवसेना के मंत्री भी सदस्य हैं. यह कमेटी कर्जमाफी से जुड़े फैसले से पहले कई बैठकें कर चुकी है और फैसले के बाद भी कमेटी सक्रिय है. ऐसे में विपक्ष ने शिवसेना के आंदोलन का मजाक उड़ाया है. एनसीपी नेता अजित पवार ने शिवसेना को केंचुआ कहा है. अजित पवार का कहना है कि पार्टी सत्ता में रहते हुए जो भूमिका निभा रही है वह किसी दोमुंहे केंचुए जैसी है.
इनपुट: प्रसाद काथे/भाषा
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