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This Article is From Aug 24, 2022

मुंबई के विधान भवन परिसर मे शिंदे गुट व विपक्षी विधायकों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) का समर्थन कर रहे शिवसेना विधायकों और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) विधायकों ने मुंबई में विधान भवन परिसर में बुधवार को एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की.

मुंबई के विधान भवन परिसर मे शिंदे गुट व विपक्षी विधायकों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की
शिंदे और शिवसेना के 39 विधायकों ने जून में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी. 
मुंबई:

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) का समर्थन कर रहे शिवसेना विधायकों और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) विधायकों ने मुंबई में विधान भवन परिसर में बुधवार को एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (RCP) के विधायक शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (BJP) गठबंधन की सरकार पर तंज कसने के लिए गाजर लेकर विधानसभा की सीढ़ियों पर आए थे. शिंदे गुट के विधायकों ने राकांपा विधायकों से गाजर छीनने की कोशिश की जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए. शिवसेना विधायक (शिंदे गुट) महेश शिंदे और राकांपा के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अमोल मित्कारी विधानसभा की सीढ़ियों पर एक तरह से मारपीट करने की मुद्रा में आ गए थे. इसके बाद दोनों पक्षों के कुछ विधायकों ने बीच-बचाव कर तनाव को शांत किया. 

इससे पहले सत्तारूढ़ भाजपा और शिंदे गुट के विधायकों ने विधान भवन परिसर में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे के खिलाफ प्रदर्शन किया था. सत्तारूढ़ पक्ष के विधायक बैनर लिए हुए थे जिनमें बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) में भ्रष्टाचार और उद्धव ठाकरे पर हिंदुत्व से कथित समझौता करने के आरोप लगाते संदेश लिखे गए थे. कुछ बैनरों पर लिखा था, ‘‘राजा कोविड-19 के डर से घर में जबकि युवराज के दोस्तों ने खजाने को लूट लिया.''

ठाकरे समर्थित बीएमसी में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विधायक नारा लगा रहे थे, ‘‘स्थायी समिति छी खोके...मातोश्री ओके.''मातोश्री मुंबई के उपनगर बांद्रा में ठाकरे का निवास है. स्थायी समिति बीएमसी की शासी निकाय है, जिसके चुनाव होने हैं. मुख्यमंत्री शिंदे गुट के विधायक भारत गोगवाले ने संवाददाताओं से कहा कि जब वे प्रदर्शन कर रहे थे तब विपक्षी विधायकों और पार्षदों को नजदीक नहीं आना चाहिए था.

उन्होंने कहा, ‘‘ विपक्षी सदस्यों ने पहले बहस शुरू की. जब वे इन दिनों प्रदर्शन कर रहे थे तब हमने हस्तक्षेप नहीं किया था.'' दोनों पक्षों के सदस्यों ने कुछ और देर तक एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की और इसके बाद सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने चले गए.

राज्य विधानसभा का मानसून सत्र बृहस्पतिवार को संपन्न होगा. शिंदे और शिवसेना के 39 विधायकों ने जून में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी. इसके बाद उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना, राकांपा व कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी गठबंधन सरकार गिर गई थी. इसके बाद शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री पद की और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.


 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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