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शिमला के अस्पताल में लात-घूंसे से मारने वाला डॉक्टर सस्पेंड, जानें पीड़ित मरीज ने क्या कहा

मारपीट मामले में शिमला पुलिस ने डॉ. राघव निरूला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. दरअसल आरोपी डॉक्टर कैमरे में अस्पताल के बेड पर मरीज के साथ मारपीट करता दिखाई दे रहा था.

शिमला के अस्पताल में लात-घूंसे से मारने वाला डॉक्टर सस्पेंड, जानें पीड़ित मरीज ने क्या कहा
मरीज को पीटने वाले डॉक्टर पर एक्शन.
  • शिमला के IGMC अस्पताल में डॉक्टर द्वारा मरीज के साथ मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद उसे बर्खास्त किया गया.
  • हिमाचल प्रदेश सरकार और चिकित्सा निदेशालय ने जांच रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर को पद से हटाने का फैसला लिया.
  • मरीज अर्जुन सिंह ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार और जांच कमेटी का धन्यवाद अदा किया.
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शिमला:

हिमाचल प्रदेश के शिमला के IGMC अस्पताल का एक वीडियो पिछले दिनों जमकर वायरल हुआ था, जिसमें एक डॉक्टर मरीज को पीट रहा था. उस डॉक्टर पर एक्शन ले लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, आरोपी डॉक्टर को पद से हटा दिया है. अस्पताल के मुताबिक, जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार ने डॉक्टर राघव निरूला को बर्खास्त करने का फैसला लिया.

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हिमाचल प्रदेश चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय ने अपने आदेश में कहा, "...मैं डॉ. राघव निरूला को आईजीएमसी शिमला के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में सीनियर रेजिडेंट के पद से बर्खास्त करता हूं..."

मरीज बोला- जांट कमेटी का धन्यवाद

इस कार्रवाई पर पीड़ित मरीज अर्जुन ने सरकार और जांट कमेटी का धन्यवाद अदा किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और आईजीएमसी की जांच कमेटी ने डॉक्टर को बर्खास्त कर एक एग्जांपल सेट किया है.

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बता दें कि मारपीट मामले में शिमला पुलिस ने डॉ. राघव निरूला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. दरअसल आरोपी डॉक्टर कैमरे में अस्पताल के बेड पर मरीज के साथ मारपीट करता दिखाई दे रहा था.

डॉक्टर के सस्पेंड होने पर मरीज ने जताया आभार

शिकायतकर्ता मरीज अर्जुन सिंह ने बताया कि रूटीन जांच के दौरान डॉ. निरूला ने उनसे उनके भर्ती होने और मेडिकल दस्तावेजों के बारे में पूछताछ की. लेकिन अपनी स्वास्थ्य स्थिति और ऑक्सीजन की कमी की वजह से वह ठीक से जवाब नहीं दे सके, जिसके चलते डॉक्टर के बोलने के तरीके को लेकर उनसे बहस हो गई.

मरीज का आरोप है कि डॉक्टर एकदम गुस्से में आ गया और उनको धमकी देने लगा. उसने बार-बार उसके चेहरे और शरीर पर घूंसे मारे, जिससे उनके नाक और मुंह से खून बहने लगा और उसके शरीर के कई हिस्सों में चोट भी लगी. डॉक्टर को सस्पेंड किए जाने के बाद ऑक्सीजन मास्क पहने मरीज ने कहा कि इस कदम के लिए वह आभारी हैं. वह सरकार का आभार जताते हैं.

डॉक्टर ने मारे थे लात-घूंसे

बता दें कि यह घटना 22 दिसंबर को शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में हुई थी. मरीज अर्जुन सिंह के मुताबिक, उनका लंग्स इन्फेक्शन का इलाज चल रहा था. जांच के लिए उनको पल्मोनरी वॉर्ड ले जाया गया. सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन लेवल कम होने की वजह से वह दो घंटे तक निगरानी के लिए बेड पर रहे.

जब डॉ. निरूला उन्हें लात-घूंसे मार रहे थे, तब एक अन्य डॉक्टर ने उनके पैर पकड़े हुए थे, ताकि वह खुद को बचा न सकें. मारपीट के दौरान उनका ऑक्सीजन पाइप टूट गया, जिससे उनकी जान को खतरा हो गया. उस वीडियो को उनके भाई ने रिकॉर्ड किया था.

दो डॉक्टर्स पर दर्ज हुई थी FIR

मरीज के डायल112 पर कॉल करने के बाद पुलिस की एक टीम तुरंत मौके पर पहुंची थी. डॉ. निरूला और एक अन्य अज्ञात डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. संभवतः दूसरा डॉक्टर वही है, जिसने मरीज के पैर पकड़ा थे.

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