भोपाल:
आरटीआई कार्यकर्ता शेहला मसूद हत्याकांड की सीबीआई जांच में भोपाल पुलिस की लापरवाही सामने आयी है। सीबीआई ने दो दिन पूर्व इस मामले में कोहेफिजा पुलिस थाने में दर्ज प्रकरण के आधार पर हत्या का मामला दर्ज करके इस मामले की छानबीन शुरू की थी। सीबीआई सूत्रों के अनुसार कोहेफिजा क्षेत्र में सीबीआई के जांच दल ने हत्या का दृश्य तैयार करके मामले की जांच शुरू की। इसके लिए सीबीआई ने शेहला की पुलिस के कब्जे में रखी कार को उस स्थान पर बुलवाया और हत्या का दृश्य तैयार करके एक महिला कांस्टेबल को कार में बैठाया और हत्या के लिए प्रयुक्त गोली चलने के संभावित कोण की परीक्षा की। इस दौरान भोपाल पुलिस की लापरवाही उस समय उजागर हुई जब सीबीआई ने कार का बारीकी से परीक्षण किया जबकि भोपाल पुलिस उस कार का पहले ही परीक्षण कर चुकी थी। सीबीआई द्वारा किए गए परीक्षण में कार से एक लॉकेट का पेंडल मिला। यह पेंडल शेहला की चेन का था और हत्या के दौरान हुए संघर्ष के दौरान यह कार की नीचे बिछी मेटिंग के नीचे गिर गया होगा। इसके साथ ही सीबीआई ने कार के पीछे से एक फाइल भी बरामद की है। इस फाइल से सीबीआई को महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है। भोपाल पुलिस ने अपनी जांच में इस पेंडल अथवा फाइल का जिक्र नहीं किया था। इसके अलावा शेहला के मोबाइल कॉल डिटेल से यह भी खुलासा हुआ है कि आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या के बाद भी उसके मोबाइल से चार फोन किए गए थे। इनमें एक कॉल हत्या के छह घंटे बाद किया गया जबकि तीन कॉल हत्या के दूसरे दिन किए गए। अब सीबीआई इस बात की जांच में जुट गयी है कि हत्या के बाद ये फोन किसने किए। दूसरी तरफ सीबीआई के अधिकारियों के जांच दल ने आज शेहला के महाराणा प्रताप नगर स्थित कार्यालय का भी दौरा किया और दस्तावेजों की जांच पड़ताल की। दल ने इस बात की भी जांच की कि हत्या के पहले शेहला ने किस किस प्रकरण में आरटीआई लगा रखी थी। उल्लेखनीय है कि शेहला मसूद की गत 16 अगस्त को उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी जब वे अपने घर से निकलकर कार में बैठ रही थीं।
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