विजय सरदेसाई से बात करते एनडीटीवी के श्रीनिवासन जैन...
पणजी:
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने एक हफ्ते पहले देश के रक्षामंत्री पद से इस्तीफा देकर अपने गृह राज्य की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने पहुंच गए और संकट में फंसी बीजेपी को उबारा ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री भी बने. इसलिए यह माना जा रहा था कि गोवा विधानसभा में होने वाले शक्तिपरीक्षण में वह आसानी से बहुमत साबित कर देंगे. मंगलवार को पर्रिकर ने गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. गुरुवार को उन्होंने सदन में बहुमत साबित भी कर दिया. सरकार के पक्ष में 22 मत पड़े जबकि विपक्ष में 16 मत पड़े.
इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि मनोहर पर्रिकर बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे और वह केवल 48 घंटे के मुख्यमंत्री बनकर रिकॉर्ड बना देंगे.
बता दें कि गोवा विधानसभा चुनाव में 40 सीटें और जनता ने किसी पार्टी को बहुमत नहीं दिया है. सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस को मिली जिनके खाते में 17 सीटें आईं थी. बीजेपी ने 13 सीटें जीतीं लेकिन कांग्रेस से पीछे रहने के बाद भी बीजेपी ने सरकार गठन के लिए जरूरी कदम जल्दी उठाए और सरकार बनाने में कांग्रेस को पटखनी दे दी. बीजेपी ने जल्दी से दो क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया.
महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और एमजीपी को बीजेपी के लिए मनाना आसान ही था क्योंकि एक महीने पहले तक यह दल उनका सहयोगी रहा. इसमें सबसे महत्वपूर्ण गोवा फॉर्वर्ड पार्टी रही जिसने तीन सीटें जीती और विजय सरदेसाई इस पार्टी के प्रमुख हैं. यह पार्टी कुछ समय पहले तक मनोहर पर्रिकर को राजनीतिक अक्षमता के लिए कोसते रहे और आज इस पार्टी के नेता पर्रिकर की कैबिनेट में मंत्री हैं.
सदन में शक्ति परीक्षण से पहले विजय सरदेसाई ने कहा कि हम मजबूती के साथ बीजेपी के साथ हैं. हमने देश के रक्षामंत्री से इस्तीफा दिलवाया और उन्हें नीचे गोवा में बुलाया है. हम कैसे पीठ में छुरा घोंपेंगे?
इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि मनोहर पर्रिकर बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे और वह केवल 48 घंटे के मुख्यमंत्री बनकर रिकॉर्ड बना देंगे.
बता दें कि गोवा विधानसभा चुनाव में 40 सीटें और जनता ने किसी पार्टी को बहुमत नहीं दिया है. सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस को मिली जिनके खाते में 17 सीटें आईं थी. बीजेपी ने 13 सीटें जीतीं लेकिन कांग्रेस से पीछे रहने के बाद भी बीजेपी ने सरकार गठन के लिए जरूरी कदम जल्दी उठाए और सरकार बनाने में कांग्रेस को पटखनी दे दी. बीजेपी ने जल्दी से दो क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया.
महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और एमजीपी को बीजेपी के लिए मनाना आसान ही था क्योंकि एक महीने पहले तक यह दल उनका सहयोगी रहा. इसमें सबसे महत्वपूर्ण गोवा फॉर्वर्ड पार्टी रही जिसने तीन सीटें जीती और विजय सरदेसाई इस पार्टी के प्रमुख हैं. यह पार्टी कुछ समय पहले तक मनोहर पर्रिकर को राजनीतिक अक्षमता के लिए कोसते रहे और आज इस पार्टी के नेता पर्रिकर की कैबिनेट में मंत्री हैं.
सदन में शक्ति परीक्षण से पहले विजय सरदेसाई ने कहा कि हम मजबूती के साथ बीजेपी के साथ हैं. हमने देश के रक्षामंत्री से इस्तीफा दिलवाया और उन्हें नीचे गोवा में बुलाया है. हम कैसे पीठ में छुरा घोंपेंगे?
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