शीना बोरा हत्याकांड में आरोपी इंद्राणी मुखर्जी (Indrani Mukerjea)को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक दिन बाद, आज जमानत पर रिहा कर दिया गया. इंद्राणी को कागजी कार्यवाही समय पर पूरी नहीं होने के कारण गुरुवार को रिहा नहीं किया जा सका था. इंद्राणी शाम साढ़े पांच बजे जेल से बाहर आई और वहां से एक कार में बैठकर चली गईं.जेल के बाहर इंद्राणी के वकील मौजूद थे. बाहर निकल कर इंद्राणी ने मीडियाकर्मियों को देखा और मुस्कान बिखेरी. निचली अदालत ने बृहस्पतिवार को इंद्राणी को दो लाख रुपये का अस्थायी नकद बॉण्ड भरने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा था, 'हम इंद्राणी मुखर्जी की जमानत मंजूर कर रहे है. साढ़े छह साल का समय बहुत लंबा समय है.' वर्ष 2015 से मुंबई जेल में बंद इंद्राणी ने स्पेशल सीबीआई कोर्ट द्वारा बार-बार जमानत देने से इनकार किए जाने के बाद फरवरी में इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये लंबा वक्त है. ये पूरा मामला सिर्फ परिस्थितिजन्य सबूतों पर टिका है. लगता है कि ट्रायल जल्द खत्म नहीं होगा. हमारा विचार है कि लंबा समय जेल में बिताने पर वो (इंद्राणी) जमानत की हकदार हैं. हम सशर्त जमानत देते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि 2020 में सह आरोपी पीटर मुखर्जी भी जमानत पर रिहा हो चुका है.
इंद्राणी पर अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या का आरोप है. 24 अप्रैल 2012 को अपनी बेटी शीना की हत्या करने के आरोप में मुखर्जी का ट्रायल चल रहा है. उन्हें खार पुलिस ने 25 अगस्त 2015 को गिरफ्तार किया था और वह सितंबर 2015 से जेल में बंद थीं. इंद्राणी पर आरोप था कि उन्होंने मुंबई के बांद्रा में अपनी बेटी शीना की गला दबाकर हत्या कर दी थी और शव को रायगढ़ जिले में दफना दिया था. जांच एजेंसियों का दावा था कि शीना बोरा के अवशेष भी मिले हैं.दावे के मुताबिक, इंद्राणी और शीना के बीच संबंध अच्छे नहीं थे. शीना बोरा, इंद्राणी के पहले पति की संतान थी.मुंबई पुलिस ने इंद्राणी को अप्रैल 2012 में अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या करने के आरोप में 2015 में गिरफ्तार किया था. मुखर्जी की गिरफ्तारी के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी.
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