तोते हैं! तोतों का क्या : लालू और बेटी मीसा के घर पर CBI की छापेमारी पर RJD

दरअसल, सीबीआई ने लालू और उनकी बेटी के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान भर्तियों में कथित अनियमितताओं के लिए नए सिरे से केस दर्ज किया है.

नई दिल्ली:

चारा घोटाला मामले में जमानत पर बाहर आए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाल यादव (Lalu Prasad Yadav) की परेशानी बढ़ गई है. उनके साथ-साथ उनकी बेटी भी सीबीआई की कार्रवाई की चपेट में आ गईं हैं. दरअसल, सीबीआई ने लालू और उनकी बेटी के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान भर्तियों में कथित अनियमितताओं के लिए नए सिरे से केस दर्ज किया है. भ्रष्टाचार के इस मामले में कार्रवाई करते हुए सीबीआई की टीम पटना स्थित लालू आवास (मौजूदा समय में राबड़ी आवास) समेत उनके 15 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. अधिकारियों ने बताया कि यह कथित घोटाला तब का है जब लालू प्रसाद यादव संयुक्त प्रगतिशील सरकार में रेल मंत्री थे.

इसे लेकर राष्ट्रीय जनता दल के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है- तोते हैं! तोतों का क्या! इसके साथ ही एक रीट्वीट भी किया है जिसमें लिखा है कि तथाकथित रेलवे से संबंधित घोटाले में अनगिनत बार छापामारी हुई है और मिला कुछ नहीं. 2004-09 तक लालू जी रेल मंत्री थे.आज 13 साल बाद भी अगर सीबीआई को छापा मारना पड़ रहा तो आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कितनी घटिया स्तर की जांच एजेन्सी है CBI. लालू परिवार झुकने और डरने वाला नहीं है. इसके साथ ही एक अन्य ट्वीट में लिखा गया है कि देश के एकमात्र नेता जिससे मोदी-आरएसएस इतनी डरती है की अनेकों गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बीमार लालू जी को डराने के लिए एक और फर्जी मुकदमा किया. इस तानाशाही का राजद डटकर मुंहतोड़ जवाब देगी.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

आरजेडी के ट्विटर हैंडल से ये भी कहा गया कि जिस लालू जी ने रेलवे को 90,000 करोड़ का मुनाफा दिया, जिस लालू ने लाखों युवाओं के लिए रेलवे में भर्ती निकाली,कुलियों को स्थायी किया उस लालू पर 15 साल बाद छापा मरवाया जा रहा है. और जिस संघ व मोदी-शाह ने रेलवे को बेच दिया, स्टेशन बेच दिए, 72000 पदों को डकार गए वो ईमानदार बन रहे है. बता दें कि इस छापेमारी को लेकर आरजेडी के ट्विटर हैंडल से एक के बाद एक ट्वीट किए जा रहे हैं.