पश्चिम बंगाल में बीजेपी-टीएमसी (BJP-TMC) के बीच चल रही खींचतान को लेकर कांग्रेस के नेता शत्रुध्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने रविवार को पश्चिम बंगाल के हालात को लेकर एक बाद के एक कई ट्वीट किए. उन्होंने (Shatrughan Sinha) अपने ट्वीट में कहा कि इनफ इज इनफ, ममता बनर्जी को बेवजह उकसाना सही नहीं है. इस तरह का ड्रामा और पोस्टकार्ड वार बंद होना चाहिए. एक अन्य ट्वीट में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि भगवान राम के नाम पर हो रही राजनीति को लेकर भी टिप्पणी की. शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने लिखा कि धर्म के नाम राजनीतिक करना किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. खासकर तब जब आम आदमी विकास चाहता है. लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद जिस तरह से ममता बनर्जी का अपमान किया जा रहा है उसे पूरा देश देख रहा है.
Enough is enough, now no more this unnecessary provoking the great tigeress & most popular leader of the masses @MamtaOfficial from the great land of Bengal. This kind of drama & the postcard war must stop.
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) June 9, 2019
Politicizing in the name of religion is not advisable nor acceptable, as people want growth,development & progress.The entire nation is watching this disrespect to a lady of substance, in the true sense especially after the alleged malpractices by the machines & results during
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) June 9, 2019
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक पारा हर बीतते दिन के साथ बढ़ता ही जा रहा है. रविवार को बीजेपी (BJP) कार्यकर्ता और स्थानीय पुलिस के बीच झड़प की खबर है. यह झड़पबीजेपी (BJP) कार्यकर्ताओं के शव के अंतिम संस्कार को लेकर हुई. मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी (BJP) कार्यकर्ता अपने साथी कार्यकर्ताओं के शव का अंतिम संस्कार कोलकाता ले जाकर करना चाहते थे. लेकिन पुलिस ने उन्हें कोलकाता पहुंचने से पहले ही बीच रास्ते में ही रोक लिया. इसी बात पर बीजेपी (BJP) कार्यकर्ता पुलिस से भिड़ गए. इसके बाद कार्यकर्ताओं ने कहा कि वह अगर उन्हें आगे नहीं जाने दिया गया तो वह शवों का अंतिम संस्कार हाई वे पर ही करेंगे. पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच के झड़प की वजह से हाई-वे पर जाम लग गया. इस घटना के सामने आने के बाद राज्य बीजेपी ने 10 जून को काले दिन के रूप में मनाने का फैसला किया है. साथ ही लालबाजार में 12 जून को एक रैली करने का भी ऐलान किया है.
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ध्यान हो कि शनिवार को पश्चिम बंगाल के 24 उत्तर परगना में टीएमसी-बीजेपी (TMC-BJP) कार्यकर्ताओं के बीच आपसी झड़प में 3 लोगों की मौत हो गई थी. मामले की जांच कर रही पुलिस के अनुसार यह पूरा मामला पार्टी के झंडे को उतारने से शुरू हुआ था. इस झड़प के दौरान टीएमसी (TMC) के एक कार्यकर्ता कायुम मोल्लह की हत्या की बात सामने आ थी. वहीं बीजेपी (BJP) का कहना था कि टीएमसी (TMC) के गुंडों ने उनके 2 कार्यकर्ताओं को गोली मारी दी है. जिसमें उनकी मौत हो गई. हालांकि बीजेपी के नेता मुकुल रॉय ने इस घटना के सामने के बाद एक ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था कि बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं को टीएमसी के गुंडों ने संदेशखाली इलाके में गोली मार दी है. बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ हो रही इस तरह की वारदात के लिए ममता बनर्जी खुद जिम्मेदार हैं. हम इस पूरे मामले की शिकायत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी से करेंगे.वहीं पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रमुख विजयवर्गीय ने भी इस झड़प और बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्या पर दुख जताया था. उन्होंने ट्वीट किया था कि अभी अभी मिली दुःखद ख़बर के अनुसार पश्चिम बंगाल के बशीरहाट लोकसभा के क्षेत्र संदेशखली में भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं की तृणमूल के गुंडों ने हत्या कर दी.
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ध्यान हो कि टीएमसी-बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच आपसी झड़प की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले कोलकाता में अमित शाह (Amit Shah) के रोड शो के दौरान भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (TMC) समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें हुई थी. हालांकि उस दौरान शाह को किसी तरह की चोट नहीं आई थी और पुलिस उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले गई. हिंसा तब भड़क उठी जब विद्यासागर कॉलेज के भीतर से टीएमसी के कथित समर्थकों ने उनके काफिले पर पथराव किया, जिससे दोनों पार्टियों के समर्थकों के बीच झड़पें हुई थी.
गुस्साए बीजेपी समर्थकों ने भी उसी तरह प्रतिक्रिया दी और कॉलेज के प्रवेशद्वार के बाहर टीएमसी प्रतिद्वंद्वियों के साथ मारपीट करते नजर आए. इस घटना के बाद ममता बनर्जी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गया था.
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बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि टीएमसी के गुंडों ने मुझपर हमला करने की कोशिश की. ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) ने हिंसा भड़काने का प्रयास किया, लेकिन मैं सुरक्षित हूं.' शाह ने कहा था कि झड़प के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही. उन्होंने कहा था कि पुलिस ने उन्हें बताया था कि रोडशो की इजाजत कॉलेज के पास समाप्त होती है और उन्हें स्वामी विवेकानंद के बिधान सारणी के पैतृक आवास पर ले जाया जाएगा. शाह ने दावा किया था कि वे (पुलिस) नियोजित मार्ग से हट गए और उस रास्ते पर ले गए जहां ट्रैफिक जाम था. मुझे श्रद्धांजलि देने के लिए विवेकानंद के आवास पर नहीं जाने दिया गया और मैं इससे दुखी हूं.
उधर, ममता बनर्जी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शाह को 'गुंडा' बताया था. उन्होंने शहर के बेहाला की रैली में कहा था कि अगर आप विद्यासागर तक हाथ ले जाते हैं तो मैं आपको गुंडे के अलावा क्या कहूंगी. उन्होंने कहा था कि मुझे आपकी विचारधारा से घृणा है, मुझे आपके तरीकों से नफरत है.' साथ ही उन्होंने विद्यासागर की आवक्ष प्रतिमा तोड़े जाने के खिलाफ गुरुवार को एक विरोध रैली की घोषणा की. ममता ने कहा था कि क्या अमित शाह भगवान से ऊपर हैं कि उनके खिलाफ कोई प्रदर्शन नहीं कर सकता.
पश्चिम बंगाल में TMC-BJP कार्यकर्ताओं के बीच झड़प, 3 की मौत, पुलिस ने शुरू की जांच
इस बीच बीजेपी ने को चुनाव आयोग से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य में चुनाव-प्रचार से रोकने का अनुरोध किया और आरोप लगाया था कि वहां 'संवैधानिक तंत्र' ध्वस्त हो गया है. कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हिंसा और आगजनी की घटना के बाद केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और मुख्तार अब्बास नकवी सहित पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा था और राज्य में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की. नकवी ने ममता बनर्जी पर कथित तौर पर भाजपा को निशाना बनाने के लिए हिंसा में 'सहभागी' होने का आरोप लगाया और दावा किया था कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के अपने कार्यकर्ताओं को भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला करने के लिए 'उकसाया'.
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इससे पहले यह तनाव तब बढ़ गया था जब अमित शाह के काफिले के कॉलेज स्ट्रीट और स्वामी विवेकानंद के निवास के लिए उत्तरी कोलकाता में बिधान सारणी से गुजरते वक्त पथराव किया गया. अधिकारियों ने बताया कि कॉलेज स्ट्रीट पर कलकत्ता विश्वविद्यालय परिसर के बाहर झड़प तब शुरू हो गई जब एक समूह ने शाह के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी.
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