नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने यह कहते हुए सामूहिक बलात्कार कांड की पीड़ित 23 वर्षीय छात्रा की पहचान सार्वजनिक करने की वकालत की कि उसका नाम गुप्त रखने से कौन सा हित सध रहा है। उनके इस बयान से विवाद खड़ा हो सकता है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री थरूर ने यह भी कहा कि यदि पीड़िता के माता-पिता को आपत्ति न हो तो संशोधित बलात्कार विरोधी कानून का नाम उसी के नाम पर रखा जाए।
थरूर ने ट्विटर पर कहा, ‘आश्चर्य होता है कि दिल्ली के सामूहिक बलात्कार कांड की पीड़िता का नाम गुप्त रख कर ‘पता नहीं’ कौन सा हित सधा है। क्यों न एक ऐसे वास्तविक व्यक्ति के रूप में उसका नाम लिया जाए और उसे सम्मान दिया जाए जिसकी अपनी एक पहचान है।’
अपने मन की बात रखने के लिए मशहूर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘यदि उनके अभिभावक को आपत्ति न हो तो उसे सम्मानित किया जाए और उसी के नाम पर संशोधित बलात्कार विरोधी कानून का नाम रखा जाए। वह एक मनुष्य थी जिसका अपना नाम था न कि वह एक प्रतीक थी।’
केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री थरूर ने यह भी कहा कि यदि पीड़िता के माता-पिता को आपत्ति न हो तो संशोधित बलात्कार विरोधी कानून का नाम उसी के नाम पर रखा जाए।
थरूर ने ट्विटर पर कहा, ‘आश्चर्य होता है कि दिल्ली के सामूहिक बलात्कार कांड की पीड़िता का नाम गुप्त रख कर ‘पता नहीं’ कौन सा हित सधा है। क्यों न एक ऐसे वास्तविक व्यक्ति के रूप में उसका नाम लिया जाए और उसे सम्मान दिया जाए जिसकी अपनी एक पहचान है।’
अपने मन की बात रखने के लिए मशहूर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘यदि उनके अभिभावक को आपत्ति न हो तो उसे सम्मानित किया जाए और उसी के नाम पर संशोधित बलात्कार विरोधी कानून का नाम रखा जाए। वह एक मनुष्य थी जिसका अपना नाम था न कि वह एक प्रतीक थी।’
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