तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट (Thiruvananthapuram Airport) के निजीकरण पर सरकार का पक्ष रखते हुए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने एक के बाद एक, कई ट्वीट किए. उन्होंने केरल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि समानांतर आख्यानों का तथ्यों से कोई मेल नहीं हो सकता. तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे के निजीकरण के फैसले के खिलाफ एक अभियान शुरू किया गया है. उन्होंने इसी मुद्दे पर तथ्यों को पेश करते हुए सभी ट्वीट किए. तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने इस मुद्दे पर कहा कि निष्पक्ष प्रक्रिया में हारने के बाद केरल सरकार अब सवाल खड़े कर रही है.
शशि थरूर ने हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट्स पर जवाब देते हुए लिखा, 'ये बात काफी सटीक है. केरल सरकार ने नियमों के तहत नीलामी में शामिल होने का फैसला किया था. निष्पक्ष प्रक्रिया में हारने के बाद अब वह सवाल कर रहे हैं. वास्तव में ये तिरुवनंतपुरम के यात्रियों के हित में मायने रखता है, सरकार के हित में नहीं.'
This thread is quite accurate. GoK chose to participate in the bidding,under rules they agreed,&after losing in the fair process,started questioning the very game they had chosen to play. What really matters is the interests of the travellers of Thiruvananthapuram,not the govt's. https://t.co/gm5Y0N5Zka
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 20, 2020
बता दें कि नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि केरल सरकार तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे की बोली प्रक्रिया की अर्हता को पूरी नहीं करती थी. उन्होंने कहा कि इस बोली प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से अंजाम दिया गया. केरल सरकार ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे को अडानी एंटरप्राइजेज को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत 50 साल के लिए पट्टे पर देने के फैसले का विरोध किया था. हवाईअड्डों की 2019 की निजीकरण प्रक्रिया के बारे में पुरी ने ट्विटर पर कहा, 'पट्टा हासिल करने वाली बोली में प्रति यात्री 168 रुपये शुल्क का जिक्र था जबकि केरल राज्य औद्योगिक विकास निगम (KSIDC) ने प्रति यात्री 135 रुपये और बोली लगाने वाली तीसरी कंपनी ने 63 रुपये प्रति यात्री की बोली लगाई थी.'
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उन्होंने आगे कहा, 'प्रति यात्री शुल्क 2019 की शुरुआत में हुई 6 हवाईअड्डों की बोली प्रक्रिया का पैमाना था. यह 6 हवाईअड्डे- लखनऊ, अहमदाबाद, मैंगलोर, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम थे. अडानी एंटरप्राइजेज ने इन 6 एयरपोर्ट्स के लिए सबसे ज्यादा बोली लगाई थी. बोली प्रक्रिया से पहले केंद्र और केरल सरकार में यह सहमति बनी थी कि अगर KSIDC की बोली जीतने वाली बोली के 10 प्रतिशत के दायरे में रहती है तो हवाईअड्डे का पट्टा उसे दिया जाएगा. हालांकि अडानी की बोली और KSIDC की बोली में बोली प्रक्रिया के दौरान 19.64 प्रतिशत का अंतर था, इसलिए अडानी को पट्टा हासिल हुआ.'
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गौरतलब है कि केरल सरकार ने तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को 50 साल के लिए एक प्राइवेट कंपनी को सौंपने के केंद्र सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया है. केरल सरकार का कहना है कि यह फैसला, पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ दिल्ली में हुई निजी बैठक में दिए गए आश्वासन के लिए उलट है. केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि फैसले के दौरान केरल के इस लगातार आग्रह की अनदेखी की गई है कि एयरपोर्ट के संचालन और प्रबंधन को स्पेशल पर्पस व्हीकल (SPV) को स्थानांतरित किया जाए, जिसमें केरल सरकार प्रमुख साझेदार है.
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