
- मोदी कैबिनेट ने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर प्रमोशन एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 को मंजूरी दी है
- बिल के तहत ऑनलाइन मनी गेमिंग सर्विस देने वालों को तीन साल की जेल या एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है
- ऑनलाइन गेमिंग में पैसा लगाने वालों को सजा नहीं दी जाएगी, उन्हें अपराधी नहीं बल्कि पीड़ित माना गया है
Online Gaming Bill: टीम बनाइए और दो घंटे में करोड़पति बन जाइए... ये लाइनें आपने टीवी पर जरूर सुनी होंगीं, जब किसी ऑनलाइन गेमिंग ऐप का विज्ञापन दिखाया जाता है तो लोगों को इसी तरह के लालच दिए जाते हैं. तमाम परेशानियों से जूझ रहे लोग करोड़पति बनने के सपने वाले इस झांसे में आकर अपनी कमाई लगाने लगते हैं और फिर इस ऑनलाइन सट्टे के जाल में फंसकर अपनी कमाई लुटाते हैं. इसी बीच अब मोदी कैबिनेट ने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर एक बिल को मंजूरी दी है, जिसे संसद में पेश किया जा सकता है. इसमें ऑनलाइन गेमिंग और विज्ञापनों पर बैन लगाने की बात कही गई है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि क्या ड्रीम-11 और ऐसे तमाम ऐप्स भी अब बैन हो जाएंगे?
क्या है ऑनलाइन गेमिंग बिल?
जिस बिल को कैबिनेट से मंजूरी मिली है, उसका पूरा नाम प्रमोशन एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 है. इसका मकसद ऑनलाइन गेमिंग में ट्रांजेक्शन और विज्ञापन को पूरी तरह से बैन करने का है. यानी ऑनलाइन गेमिंग में आप पैसों का लेनदेन नहीं कर सकते हैं. अगर कोई गेमिंग ऐप ऐसा करती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और जेल तक का प्रावधान है. कुल मिलाकर ऑनलाइन सट्टेबाजी वाले ऐप्स अब इस बिल के बाद नपने वाले हैं.
ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा
बताया गया है कि इस बिल के जरिए ऐसे ऑनलाइन गेम तो बैन किए जाएंगे, जिनमें लोग पैसा लगाते हैं... लेकिन इससे ऑनलाइन सोशल गेम्स (कैंडी क्रश, लुडो) और ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा मिलेगा. जिससे भारतीय स्टार्टअप्स को बूस्ट मिलेगा और गेमिंग का एक नया बाजार तैयार होगा. यानी बिना रिस्क वाले ऑनलाइन गेम्स को इससे बढ़ावा मिल सकता है.
तीन साल तक की जेल का प्रावधान
- बिल में प्रस्ताव है कि कानून बनने के बाद इसका उल्लंघन कर ऑनलाइन मनी गेमिंग सर्विस देने वालों को तीन साल तक की जेल या एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं.
- नियमों का उल्लंघन करके विज्ञापन देने वालों के लिए भी प्रावधानों में दो साल तक की कैद या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है.
- ऐसे ही किसी भी तरह के लेन-देन में शामिल लोगों को भी सजा दी जाएगी. बार-बार उल्लंघन करने वालों को पांच साल तक की सजा के साथ जुर्माना लगाया जा सकता है.
क्या खेलने वालों को भी मिलेगी सजा?
अब सवाल है कि क्या ऑनलाइन गेमिंग में पैसा लगाने वालों को भी इसमें सजा मिलेगी? बिल में साफ किया गया है कि ये किसी भी ऐसे शख्स को अपराधी नहीं बनाता है जो ऑनलाइन गेम खेल रहा हो. इसमें उन्हें अपराध करने वालों की कैटेगरी में नहीं, पीड़ितों की कैटेगरी में रखा गया है. ऑनलाइन सट्टेबाजी को बढ़ावा देने या फिर इसे करवाने वाले लोगों को ही इससे परेशानी होगी.
क्यों लिया जा रहा है ये फैसला?
इस बिल को लाने के पीछे का एक मकसद तो हमने आपको बता दिया था कि सरकार इससे ई-स्पोर्ट्स और भारत में गेमिंग के व्यापार को बढ़ाना चाहती है. इसके अलावा इसमें लोगों के हित को भी देखा गया है.
- ऑनलाइन गेमिंग की लत में पड़कर लोग अपनी कमाई गंवा देते हैं, इसे भी एक वजह बताया गया है.
- ऑनलाइन गेमिंग में करोड़ों रुपये का लालच देकर लोगों को पैसा लगाने के लिए मजबूर किया जाता है.
- ऐसे गेमिंग ऐप्स पर पैसे गंवाने के बाद मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ता है, हारने के बाद कई लोगों को डिप्रेशन में देखा गया है और सुसाइड जैसे मामले भी सामने आए हैं.
- ऑनलाइन मनी गेमिंग का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और बाकी अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी किया गया है.
क्या ड्रीम-11 जैसे ऐप भी होंगे बैन?
इस बिल को संसद में पेश किए जाने की खबर सामने आने के बाद से ही लोग सोशल मीडिया पर कई सवाल पूछ रहे हैं. कई लोग पूछ रहे हैं कि क्या इससे ड्रीम-11 जैसे ऑनलाइन गेम्स भी बंद हो जाएंगे? इसका सीधा जवाब तो बिल पेश होने के बाद ही मिल पाएगा, लेकिन जो प्रावधान हैं उनसे यही लगता है कि पैसा लगाकर खेले जाने वाले तमाम ऐप्स की दुकान बंद होने वाली है.
क्रिकेट और बाकी खेलों के लिए कई ऐसे ऐप्स हैं, जिनमें पैसे लगाकर टीम बनानी होती है. वहीं बिल में ये साफ किया गया है कि किसी भी तरह के ट्रांजेक्शन वाले ऐप्स को बंद किया जाएगा. साथ ही ये भी कहा गया है कि जो सट्टेबाजी को प्रमोट करते हैं या फिर जिनकी लत लग सकती है, उन पर भी नकेल कसी जाएगी. ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि ड्रीम-11 जैसे ऐप्स के खिलाफ भी एक्शन लिया जा सकता है.
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