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This Article is From May 05, 2023

शरद पवार ने NCP के अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस लेने का किया ऐलान

NCP अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि मैं भविष्य में पार्टी के अंदर संगठनात्मक बदलाव पर ध्यान दूंगा. मैं लोगों को नई जिम्मेदारी दूंगा और नए लीडर भी तैयार करूंगा.

शरद पवार ने NCP अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा वापस लिया

नई दिल्ली:

शरद पवार ने NCP अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा वापस ले लिया है. अब वो आगे भी NCP के अध्यक्ष बने रहेंगे. उन्होंने शुक्रवार को मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार के साथ पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने कहा कि पद छोड़ने के बाद पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मुझसे मेरे फैसले पर विचार करने को कहा था. वो चाहते थे कि मैं अपने पद पर बना रहा हूं. उनके आग्रह के बाद ही मैंने अपने फैसले पर फिर से विचार किया. इसके बाद ही मैंने आज अपना इस्तीफा वापस ले रहा हूं. मैं अपने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान करता हूं. मेरे चाहने वाले भी चाहते थे कि मैं अपने फैसले पर फिर से विचार करूं.

"अपने समर्थकों का सम्मान करता हूं"

उन्होंने कहा कि मेरे इस्तीफे को लेकर दूसरे पार्टी के नेता और मेरे दोस्त भी यही चाहते थे. पूरे देश से लोग और खासतौर पर महाराष्ट्र के लोगों ने मुझे अपना फैसला बदलने के लिए मजबूर किया. सबकी भावना का सम्मान करते हुए ही मैंने अपना इस्तीफा वापस लेने का एलान किया है. मैं अपने चाहने वालों और पार्टी के लिए काम करने वाले लोगों का सम्मान करता हूं. 

शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि आप सब की भावना का अनादर नहीं हो सकता. आपके दिखाए हुए प्रेम के कारण मैं एनसीपी के अध्यक्ष पद से निवृत्त होने का मेरा निर्णय वापस लेता हूं.

"नए लोगों को मिलेगी नई जिम्मेदारियां"

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान शरद पवार ने कहा कि मैं आगे भी अध्यक्ष बना रहूंगा लेकिन मैंने अब ये सोचा है कि पार्टी के अंदर किसी भी पद या जिम्मेदारी के लिए उत्तराधिकार योजना पर काम करने की जरूरत है. मैं भविष्य में पार्टी के अंदर संगठनात्मक बदलाव पर ध्यान दूंगा. मैं लोगों को नई जिम्मेदारी दूंगा और नए लीडर भी तैयार करूंगा. मैं संगठन के विकास के लिए भी पूरी ताकत से काम करूंगा और हमारी विचारधारा और पार्टी के लक्ष्यों को लोगों तक पहुंचाऊंगा.

गौरतल है कि कुछ दिन पहले ही शरद पवार के भतीजे ने अजित पवार ने कहा था कि पार्टी के नेता और कार्यकर्तांओं को चाहिए कि शरद पवार के फैसले को स्वीकार करे. हालांकि उन्होंने उस दौरान ये जरूर कहा था कि शरद पवार अपने फैसले पर अंतिम फैसला अगले कुछ दिन में ही लेंगे. 

एक कार्यक्रम के दौरान पवार ने किया ऐलान

शरद पवार ने दो मई को एक कार्यक्रम के दौरान जैसे ही अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा की थी, उसके बाद ही उनके समर्थक इस फैसले के विरोध में नारे लगाने लगे. कुछ लोगों ने ऑडिटोरियम से बाहर निकलकर धरना देने लगे थे. इसके बाद शरद पवार ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उन्होंने सिर्फ पद से इस्तीफा दिया है लेकिन वो पार्टी के आगे भी काम करते रहेंगे. इसके बाद ही कार्यकर्ता शांत हुए. 

पार्टी के अंदर की खींचतान बनी वजह? 

शरद पवार के इस फैसले को लेकर अब कई तरह की बातें हो रही थी. कुछ लोग इसे बीते कुछ दिनों से पार्टी के भीतर चल रही खींचतान का नतीजा बता रहे थे.ऐसे लोगों का कहना था कि शरद पवार इन चीजों से खासे निराश थे. इसलिए उन्होंने पद छोड़ने का फैसला लिया. जबकि कुछ लोग उनके इस कदम को एक नया मास्टरस्ट्रोक बता रहे थे. 

"फैसले को मानना चाहिए"

इन सब के बीच अजित पवार ने पार्टी नेताओं से कहा था कि कुछ दिन पहले पवार साहेब ने खुद मुझसे बात की थी और कहा था कि अब समय आ गया है जब पार्टी का बागडोर किसी और की दी जाए. ऐसे में हम सभी कार्यकर्ताओं को उनके इस फैसले को उनकी उम्र और सेहत के परिपेक्ष में भी देखना चाहिए. समय के साथ-साथ हर किसी को निर्णय लेना पड़ता है. पवार साहेब ने भी फैसला लिया है और वो इसे वापस नहीं लेंगे. 

शाम में पवार ने दिया था अलग बयान

हालांकि, मंगलवार शाम को अजित पवार ने पार्टी नेताओं से कहा था कि शरद पवार ने कहा कि मैंने निर्णय लिया है लेकिन मैं इसपर पुनर्विचार करूंगा. और मुझे इसके लिए दो से तीन दिन का समय चाहिए. पवार साहेब के इस्तीफे के बाद पार्टी के कुछ और नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा दिया है. ये रुकना चाहिए. 

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