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शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण पर दर्ज हुई FIR, राजस्थान हाईकोर्ट में रद्द करने की याचिका की दर्ज

दरअसल, भरतपुर निवासी कीर्ति सिंह ने 2022 में हुंडई अलकाजर कार खरीदी थी. कार में तकनीकी खराबी आने के कारण उनकी ओर से मामला दर्ज करवाया गया था. एफआईआर में बताया गया कि कार में ओवरटेक करते समय जब एक्सीलरेटर दबाते हैं तो कार वाइब्रेट करती है.

शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण पर दर्ज हुई FIR, राजस्थान हाईकोर्ट में रद्द करने की याचिका की दर्ज
  • शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण ने राजस्थान हाईकोर्ट में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका दायर की है
  • मामला तकनीकी खराबी वाली हुंडई अलकाजर कार बेचने से जुड़ा हुआ है जिसमें कार की स्पीड न बढ़ने की शिकायत है
  • राजस्थान हाईकोर्ट ने एफआईआर की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए मामले को उपभोक्ता अदालत में भेजने का सुझाव दिया है
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जयपुर:

अभिनेता शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण ने राजस्थान हाईकोर्ट में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए याचिका दायर की है. जानकारी के मुताबिक यह मामला तकनीकी रूप से खराब हुई हुंडई अलकाजर कार बेचने से जुड़ा हुआ है.

राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने एफआईआर की कार्रवाई पर रोक लगाई है. मामले में शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण को कंपनी का ब्रांड एंबेसडर होने के कारण पक्षकार बनाया गया है. साथ ही, डीलर, कंपनी के एमडी और सीईओ के नाम भी एफआईआर में लिखवाए गए.

दरअसल, भरतपुर निवासी कीर्ति सिंह ने 2022 में हुंडई अलकाजर कार खरीदी थी. कार में तकनीकी खराबी आने के कारण उनकी ओर से मामला दर्ज करवाया गया था. एफआईआर में बताया गया कि कार में ओवरटेक करते समय जब एक्सीलरेटर दबाते हैं तो कार वाइब्रेट करती है. आरपीएम बढ़ते हैं लेकिन कार की स्पीड नहीं बढ़ती. कीर्ति सिंह की तरफ से डीलर से रिफंड देने के लिए भी आग्रह किया गया है लेकिन डीलर ने रिफंड देने से मना कर दिया है. 

इसके बाद भरतपुर में मथुरागेट थाने में इस्तेगासे के जरिए 25 अगस्त 2025 को मामला दर्ज किया गया था. आज अभिनेता शाहरुख खान की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल, कंपनी के एमडी अनसो किम की ओर से वरिष्ठ अधिकवक्ता वी आर बाजवा, सीओओ तरुण गर्ग की ओर से अधिवक्ता आदित्य शर्मा दौसा वाले, दीपिका पादुकोण की ओर से सीनियर एडवोकेट माधव मित्र ने पैरवी की है.  

कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि यह मामला उपभोक्ता अदालत में जाना चाहिए था. साथ ही, आईपीसी में वाईकेरियस लायबिलिटी का प्रावधान नहीं है. इसके अलावा एफआईआर अपराध को डिस्क्लोज नहीं करती है. इसके आधार पर कोर्ट ने आज ये आदेश दिए. साथ ही कोर्ट ने शिकायतकर्ता कीर्ति सिंह को नोटिस भेजा है.

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