बिलकिस बानो के दोषियों को रिहा करने पर छलका शबाना आजमी का दर्द, NDTV से कहा - इनको छोड़ना शर्मनाक

NDTV से खास बातचीत में शबाना आजमी ने कहा कि मैं स्तब्ध थी कि आखिर ये कैसे हो सकता है. मुझे लगता है अभी भी हमारे देश में अन्याय और डरावने अपराधों को लेकर समझ विकसित नहीं हो पाया है.

नई दिल्ली:

बिलकिस बानो मामले में दोषियों की रिहाई का देश के अलग-अलग हिस्से में विरोध हो रहा है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर कुछ दिन बाद सुनवाई भी होनी है. बिलकिस के दोषियों की रिहाई को लेकर NDTV ने अभिनेत्री शबाना आजमी के साथ खास बातचीत की. इस दौरान शबाना आजमी ने NDTV से कहा कि ऐसे जघन्य अपराध के दोषियों को रिहा करना कहीं से भी सही नहीं है. और रिहाई के बाद दोषियों का मिठाई खिलाकर स्वागत करना तो औऱ भी गलत है. इससे समाज में गलत संदेश जाएगा. 

NDTV से खास बातचीत में शबाना आजमी ने कहा कि मैं स्तब्ध थी कि आखिर ये कैसे हो सकता है. मुझे लगता है अभी भी हमारे देश में अन्याय और डरावने अपराधों को लेकर समझ विकसित नहीं हो पाया है. बिलकिस बानो मामले में रिहा हुए लोगों को मिठाई खिलाकर इसी तरह का संदेश दिया गया. ऐसे अपराधियों को जेल से निकलने के बाद माला पहनाकर कही से भी सही नही हैं. आप समाज को किस तरह का संदेश देना चाह रहे हैं. ये सही मायनों में भयानक है. हम अपनी मां-बहनों का क्या जवाब देंगे, अगर इसी तरह से अपराधियों को महिमा मंडित किया जाता रहा. आज देश में वो सरकार है जो नारी शक्ति को बढ़ावा देने की बात करती है लेकिन उसी दिन जब नारी के साथ इतना जघन्य अपराध करने वालों को सम्मानित किया जाता है या उनका स्वागत किया जाता है तो मैं सोच में पड़ जाती हूं कि आखिर ये सब क्या चल रहा है. ये सही मायनों में शर्मनाक है.

उन्होंने आगे कहा कि शर्मनाक, ना सिर्फ उस महिला के लिए जिसके साथ वो सब घटित हुआ बल्कि पूरे समाज के लिए. मैं ये भी नहीं समझ पा रही हूं कि जब निर्भया के साथ गलत हुआ तो पूरा देश सड़कों पर था, जोकि होना भी चाहिए लेकिन जब बिलकिस बानो की बात आती है तो लोग चुप क्यों हो जाते हैं. मैं तो उन महिला नेताओं से भी इस मामले में आगे आकर विरोध करने की अपेक्षा रखती थी. क्या वो सामने आकर ये नहीं कह सकती की जिस तरह की घटना बिलकिस के साथ हुई थी, उसके बाद अगर उसके आरोपियों का इस तरह से स्वागत किया जाएगा तो इसका समाज में गलत संदेश जाएगा. क्या वो अपनी पार्टी लाइन से उठ एक इंसान की तरह नहीं सोच सकती हैं. 

आज़मी ने कहा कि वह सोच भी नहीं सकती कि दोषियों का "ब्राह्मण" और "अच्छे परिवारों से" होने का तर्क दिया जा रहा है. अभिनेत्री ने कहा, "वे ब्राह्मण हैं, वे संस्कारी हैं, वे नहीं जानते कि उन्होंने ऐसा किया भी है. आप यह उन लोगों के बारे में कह रहे हैं जिन्हें दोषी ठहराया गया है. आप निर्दोष लोगों की बात नहीं कर रहे हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि उन्होंने अपराध किया है."

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