सेक्स स्कैंडल मामला : प्रज्वल रेवन्ना को 7 दिनों का समय देने से SIT का इंकार

सूत्रों के मुताबिक, प्रज्वल (Prajwal Revanna) को नोटिस सीआरपीसी धारा 41ए के प्रावधान के तहत जारी किया गया है. आरोपी व्यक्ति को 24 घंटे के भीतर जांच पैनल के सामने पेश होना होगा. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो एसआईटी आगे की कार्यवाही शुरू करेगी .

सेक्स स्कैंडल मामला : प्रज्वल रेवन्ना को 7 दिनों का समय देने से SIT का इंकार

प्रज्वल रेवन्ना को SIT से नहीं मिली राहत. (फाइल फोटो)

सेक्स स्कैंडल मामले (Sex Scandal Case) में फंसे प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna) को SIT से राहत मिलती नहीं मिली है. एसआईटी प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ अश्लील वीडियो मामले की जांच कर रही है. SIT ने उनको 7 दिनों का समय देने से इनकार कर दिया है.  जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना इन दिनों विदेश में हैं. उन्होंने एसआईटी के सामने पेश होने के लिए सात दिनों का समय मांगा था, लेकिन जांच एजेंसी ने उनको समय देने से इनकार कर दिया है. पहले खबर थी कि प्रज्वल शुक्रवार को विदेश से वापस लौट सकते हैं. वापस लौटते ही एसआईटी उनको हिरासत में ले लेगी. लेकिन अब प्रज्वल ने पेशी के लिए सात दिनों का समय मांगा, जिससे जांच एजेंसी ने इनकार कर दिया है. 

प्रज्वल ने मांगे 7 दिन, SIT का इनकार

सूत्रों के मुताबिक, पहले खबर थी कि प्रज्वल रेवन्ना ने फ्रैंकफर्ट (जर्मनी) से बेंगलुरु के लिए टिकट बुक किया है. वह 3 मई की देर शाम केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरेंगे. वह 4 मई को एसआईटी अधिकारियों के सामने पेश होने की योजना बना रहे हैं. इस दौरान उन्हें एयरपोर्ट से हिरासत में लिए जाने की संभावना जताई गई थी. सूत्रों के मुताबिक, उन्हें सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत एसआईटी के सामने पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया है और उन्हें 24 घंटे के भीतर अधिकारियों के सामने पेश होना होगा. लेकिन उन्होंने SIT से सात दिनों की मोहलत मांगी, जो उनको नहीं मिली है. 

"प्रज्वल को ऐसे गिरफ्तार नहीं कर सकते"

एक दिन पहले कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने मामले में सिद्दारमैया सरकार की निष्क्रियता के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ऐसे ही गिरफ्तारी नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा, "सबूत, शिकायत की सामग्री, जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, क्या उसके आधार पर उन्हें गिरफ्तार करने का प्रावधान है, क्या यह एक जमानती अपराध है, जैसे फैक्टरों को ध्यान में रखा जाना चाहिए." 

बता दें कि प्रज्वल को नोटिस सीआरपीसी धारा 41ए के प्रावधान के तहत जारी किया गया है. आरोपी व्यक्ति को 24 घंटे के भीतर जांच पैनल के सामने पेश होना होगा. उन्होंने कहा, अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो एसआईटी आगे की कार्यवाही शुरू करेगी .

प्रज्वल रेवन्ना पर क्या है आरोप?

प्रज्वल पूर्व प्रधानमंत्री और जेडी (एस) के संरक्षक एचडी देवेगौड़ा के पोते और पूर्व मंत्री एच.डी. रेवन्ना के बेटे हैं. चुनाव से ठीक पहले, सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में कथित तौर पर प्रज्वल से जुड़ी वीडियो और तस्वीरें वायरल हुईं थीं, जिसके बाद कर्नाटक राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी के अनुरोध पर कर्नाटक सरकार ने एसआईटी का गठन किया था.  प्रज्वल की पूर्व रसोइया और रिश्तेदार की शिकायत पर उनके खिलाफ होलेनारासीपुरा में यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया. पीड़िता ने आरोप लगाया कि प्रज्वल ने उसकी बेटी को वीडियो कॉल कर आपत्तिजनक तरीके से बात की, जिसके कारण बेटी को प्रज्वल को ब्लॉक करना पड़ा.

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