"सनसनीखेज झूठ...": अमृतपाल सिंह मामले में बोले ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त-"...सख्ती से निपटेंगे"

करीब 30 साल का अमृतपाल सिंह दुबई में एक ट्रक ड्राइवर था. आईएसआई ने भारत से बाहर स्थित खालिस्तान समर्थकों की मदद से उसे चरमपंथी बनाया ताकि वह पंजाब को फिर से आतंकवाद के काले दिनों में धकेल सके. 

लंदन:

ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने बुधवार को पंजाब की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा, "सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे सनसनीखेज झूठ में कोई सच्चाई नहीं है." भारतीय उच्चायुक्त दोरईस्वामी ने लंदन में भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी एक वीडियो संबोधन में कहा, "भारत में यात्रा के लिए स्थिति सामान्य है और यूके सहित सभी भारत की यात्रा करने वाले सुरक्षित हैं. मैं यहां यूके में अपने सभी दोस्तों, विशेष रूप से पंजाब में रिश्तेदारों वाले भाइयों और बहनों को आश्वस्त करता हूं कि सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे सनसनीखेज झूठ में कोई सच्चाई नहीं है." दोरईस्वामी "वारिस पंजाब दे" के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के बारे में बात कर रहे थे.

मुट्ठी भर लोग दुष्प्रचार करते हैं​...
ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त ने कहा, "आपके पैतृक मातृभूमि की स्थिति वैसी नहीं है, जैसी बताई जा रही है. राज्य के निर्वाचित मुख्यमंत्री और स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने टेलीविजन पर साक्षात्कार सहित विस्तृत जानकारी दी है, कृपया इन्हें देखें. विश्वास नहीं होता कि मुट्ठी भर लोग दुष्प्रचार करते हैं." उच्चायुक्त ने कहा कि 18 मार्च को पंजाब पुलिस ने वारिस पंजाब दे के तत्वों के खिलाफ एक अभियान चलाया गया. उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. खासकर इस संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह और कुछ अन्य तत्वों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं.

मीडिया पर कोई प्रतिबंध नहीं
विक्रम दोरईस्वामी ने कहा, "चार आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें वैमनस्य फैलाने, हत्या, पुलिस कर्मियों पर हमला आदि जैसे आरोप शामिल हैं. लगभग 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और यह वे लोग हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक आरोप हैं. ऐसे अपराधों में शामिल व्यक्तियों से सख्ती से निपटा जाएगा." उन्होंने कहा, "चार जिलों को छोड़कर पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं सहित सभी संचार सेवाएं आज दोपहर तक उपलब्ध होंगी. राज्य भर में, ब्रॉडबैंड एक्सेस का उपयोग करने वाली इंटरनेट पहुंच प्रभावित नहीं हुई है. मीडिया पर कोई प्रतिबंध नहीं है." 

यूं बनी गिरफ्तारी की योजना
अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को गिरफ्तार करने की योजना कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान की गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान ही बन गई थी. मामले की सीधी जानकारी रखने वाले लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि कथित तौर पर दोनों के बीच 2 मार्च को हुई बैठक में इस बारे में चर्चा हुई थी. आपको बता दें कि अमृतपाल सिंह सशस्त्र गार्डों के साथ घूमता है और उसके समर्थक खालिस्तानी अलगाववादी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का जिक्र करते हुए उसे "भिंडरावाले 2.0" कहते हैं.

दुबई में एक ट्रक ड्राइवर था
अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को वापस भारत भेजने के पीछे पाकिस्तान (Pakistan) की खुफिया एजेंसी आईएसआई का दिमाग है, जिसका उद्देश्य विदेशी सिख अलगाववादियों की मदद से पंजाब में एक बार फिर आतंकवाद को पुनर्जीवित करना है. अधिकारियों ने यह बात कही है. उन्होंने बताया कि करीब 30 साल का अमृतपाल सिंह दुबई में एक ट्रक ड्राइवर था. आईएसआई ने भारत से बाहर स्थित खालिस्तान समर्थकों की मदद से उसे चरमपंथी बनाया ताकि वह पंजाब को फिर से आतंकवाद के काले दिनों में धकेल सके. 

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