मथुरा (Mathura) की एक अदालत ने बुधवार को एक पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी. इस याचिका में शाही मस्जिद ईदगाह (Shahi Masjid Idgah ) में लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करने की अनुमति चाही गई थी. यह याचिका अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने दायर की थी. जिला शासकीय अधिवक्ता संजय गौर ने कहा, “इस आवेदन को निरर्थक बताते हुए न्यायाधीश संजय चौधरी की अदालत ने आवेदन को खारिज कर दिया क्योंकि निचली अदालत ने कोई अंतिम निर्णय पारित नहीं किया है.”
श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही मस्जिद ईदगाह विवाद में अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने 18 मई, 2022 को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) ज्योति सिंह की अदालत में एक आवेदन दाखिल किया था. इसमें अदालत से शाही मस्जिद ईदगाह में लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था.
न्यायाधीश ज्योति सिंह ने जिरह सुनने के बाद इस आवेदन को खारिज कर दिया.
मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही मस्जिद ईदगाह का मामला अदालत में विचाराधीन है. इसमें मई माह में ‘‘यथास्थिति'' बनाए रखने सहित विभिन्न अनुरोधों के साथ तीन अलग-अलग आवेदन मथुरा में सिविल जज सीनियर डिवीजन ज्योति सिंह की अदालत में दायर किए गए थे. जिला शासकीय अधिवक्ता संजय गौर के अनुसार, आवेदन के माध्यम से यथास्थिति बनाए रखने, दो सहायक अधिवक्ता आयुक्तों की नियुक्ति और अधिवक्ता आयुक्त द्वारा मस्जिद के मौके पर निरीक्षण के समय जिला स्तर के अधिकारियों की उपस्थिति के लिए अनुरोध किया गया है.
श्री कृष्ण विराजमान और लखनऊ निवासी मनीष यादव (जो खुद को कृष्ण का वंशज बताते हैं) ने 15 दिसंबर 2020 को मस्जिद को स्थानांतरित करने के लिए एक वाद दायर किया था. इसमें याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि कटरा केशव देव मंदिर की 13.37 एकड़ भूमि के एक हिस्से पर इसका निर्माण किया गया है. अधिकारियों के अनुसार, मुकदमे के प्रतिवादी उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, सचिव शाही मस्जिद ईदगाह, प्रबंध न्यासी श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और सचिव श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान हैं.
कृष्ण जन्मभूमि मामले की होगी सुनवाई, शाही ईदगाह हटाने की मांग वाले मुकदमे को कोर्ट ने दी मंजूरी
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