मध्यप्रदेश के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने पर रोक लगाने की मांग वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि या तो याचिकाकर्ता मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दाखिल करे या फिर हाईकोर्ट के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दें.
इसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ले ली है. सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर कचरे को भोपाल से पीथमपुर ले जाने और वहां इसे जलाने पर रोक लगाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि यूनियन कार्बाइड के कचरे को भोपाल से पीथमपुर ले जाने का फैसला लेते समय पीथमपुर के लोगों से सलाह नहीं ली गई.
साथ ही पीथमपुर में रेडियेशन का खतरा हो सकता है. अगर वहां ऐसा होता है तो पीथमपुर में उचित मेडिकल सुविधाएं मौजूद नहीं है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने तीन दिसंबर 2024 को आदेश दिया था कि भोपाल से डिस्पोजल साइट पर कचरे को चार हफ्ते मे पहुंचाया जाए.
इस मामले पर मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कहा, "यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से निकलने वाले कचरे को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पीथमपुर भेजा गया था. पीथमपुर ऐसे रासायनिक कचरे को फेंकने का एकमात्र केंद्र है. हमने लोगों से वादा किया था कि अगर सभी संतुष्ट नहीं हुए तो हम कोर्ट से समय मांगेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि उनके आदेश का एक चरण पूरा हो गया है. कोर्ट ने कहा कि वह हमसे सहमत है कि सभी समूहों पर विचार करने के बाद आगे का फैसला लिया जाना चाहिए... सुप्रीम कोर्ट ने 6 हफ्तों का समय दिया है. जो भी अपनी बात रखना चाहता है, वह इस दौरान कोर्ट जा सकता है..."
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