कोर्ट ने यूनिटेक को 17 करोड़ पर14 फीसदी ब्याज रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दिए
नई दिल्ली:
हरियाणा के गुरुग्राम में यूनिटेक की विस्टा सोसाइटी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने खरीदारों के पक्ष में एक और फैसला सुनाते हुए यूनिटेक को 17 करोड़ रुपये पर सालाना 14 फीसदी ब्याज रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दिए हैं और 1 जनवरी, 2010 से अभी तक का ब्याज आठ हफ्ते में जमा कराने के आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई तीन अप्रैल को होगी.
मामला समय पर खरीदारों को उनके घर मुहैया नहीं कराने से जुड़ा है. जिन लोगों ने गुरुग्राम के सेक्टर-70 में बन रही विस्टा सोसाइटी में घर बुक कराए थे, घर बनाने वाली बिल्डर कंपनी यूनिटेक ने तय समय पर उन्हें घर मुहैया नहीं कराए. कंपनी के कई बार घर देने के अपने वादे से मुकरने के बाद खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली. उस समय मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी खरीदारों को रजिस्ट्री में जमा 15 करोड़ रुपये में से अपनी मूल राशि दस्तावेज दिखाकर लेने को कहा था. कोर्ट ने यूनिटेक को चार हफ्ते के भीतर दो करोड़ रुपये रजिस्ट्री में जमा कराने का आदेश भी दिया था.
आज फिर से इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यूनिटेक को 17 करोड रुपये पर सालाना 14 फीसदी ब्याज रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दिए और साथ ही यह भी कहा कि 1 जनवरी, 2010 से अभी तक का ब्याज आठ हफ्ते में जमा कराना होगा.
सुप्रीम कोर्ट अब ये तय करेगा कि ब्याज कितना देना होगा. यह ब्याज फ्लैट खरीदारों को कंपनी में जमा कराई गई धनराशि के अनुपात में दिया जाएगा. कोर्ट ने कहा था कि प्रॉपर्टी डेवलपर को समझौते के नियमों के साथ रहना चाहिए ताकि वह लोगों में भरोसा दिला सके जो लोग घर का सपना देखते हैं. कोर्ट ने आगे कहा कि लेकिन अदालत, यहां यूनिटेक को अलग-अलग बहानों से देरी नहीं करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. मामले की अगली और अंतिम सुनवाई तीन अप्रैल को की जाएगी.
मामला समय पर खरीदारों को उनके घर मुहैया नहीं कराने से जुड़ा है. जिन लोगों ने गुरुग्राम के सेक्टर-70 में बन रही विस्टा सोसाइटी में घर बुक कराए थे, घर बनाने वाली बिल्डर कंपनी यूनिटेक ने तय समय पर उन्हें घर मुहैया नहीं कराए. कंपनी के कई बार घर देने के अपने वादे से मुकरने के बाद खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली. उस समय मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी खरीदारों को रजिस्ट्री में जमा 15 करोड़ रुपये में से अपनी मूल राशि दस्तावेज दिखाकर लेने को कहा था. कोर्ट ने यूनिटेक को चार हफ्ते के भीतर दो करोड़ रुपये रजिस्ट्री में जमा कराने का आदेश भी दिया था.
आज फिर से इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यूनिटेक को 17 करोड रुपये पर सालाना 14 फीसदी ब्याज रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दिए और साथ ही यह भी कहा कि 1 जनवरी, 2010 से अभी तक का ब्याज आठ हफ्ते में जमा कराना होगा.
सुप्रीम कोर्ट अब ये तय करेगा कि ब्याज कितना देना होगा. यह ब्याज फ्लैट खरीदारों को कंपनी में जमा कराई गई धनराशि के अनुपात में दिया जाएगा. कोर्ट ने कहा था कि प्रॉपर्टी डेवलपर को समझौते के नियमों के साथ रहना चाहिए ताकि वह लोगों में भरोसा दिला सके जो लोग घर का सपना देखते हैं. कोर्ट ने आगे कहा कि लेकिन अदालत, यहां यूनिटेक को अलग-अलग बहानों से देरी नहीं करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. मामले की अगली और अंतिम सुनवाई तीन अप्रैल को की जाएगी.
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