सावित्री बाई फूले (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
चुनावी मौसम में भगवान हनुमान को लेकर दावों और बयानबाजियों का दौर जारी है. योगी आदित्यनाथ द्वारा हनुमान जी को दलित बताए जाने के बाद सियासत तेज हो गई है. अब भगवान हनुमान के विवाद में कूदते हुए बहराइच से भारतीय जनता पार्टी की सांसद ने सावित्री बाई फुले ने सीएम योगी के दावों का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि हनुमान जी दलित थे. मगर एक कदम आगे बढ़कर उन्होंने यह भी कहा कि हनुमान जी मनुवादियों के गुलाम थे.
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बहराइच से भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने मंगलवार को कहा, ‘हनुमान दलित थे और मनुवादियों के गुलाम थे. अगर लोग कहते हैंं कि भगवान राम हैं और उनका बेड़ा पार कराने का काम हनुमान जी ने किया था. उनमें अगर शक्ति थी तो जिन लोगों ने उनका बेड़ा पार कराने का काम किया, उन्हें बंदर क्यों बना दिया? उनको तो इंसान बनाना चाहिये था लेकिन इंसान ना बनाकर उन्हें बंदर बना दिया गया. उनको पूंछ लगा दी गई, उनके मुंह पर कालिख पोत दी गयी. चूंकि वह दलित थे इसलिये उस समय भी उनका अपमान किया गया.'
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उन्होंने कहा, ‘हम तो यह देखते हैं कि अब देश तो ना भगवान के नाम पर चलेगा और नाहीं मंदिर के नाम पर. अब देश चलेगा तो भारतीय संविधान के नाम पर. हमारे देश का संविधान धर्मनिरपेक्ष है. उसमें सभी धर्मो की सुरक्षा की गारंटी है. सबको बराबर सम्मान व अधिकार है. किसी को ठेस पहुंचाने का अधिकार भी किसी को नहीं है. इसीलिये जो भी जिम्मेदार लोग बात करें भारत के संविधान के तहत करें, गैर जिम्मेदाराना बात करने से जनता को एक बार सोचने पर मजबूर करता है.
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दरअसल, कुछ दिनों पहले राजस्थान के अलवर में एक रैली को संबोधित करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हनुमान जी दलित और वनवासी थे. इसके बाद सीएम योगी विवादों में फंस गए थे. उनके खिलाफ नोटिस भी जारी हुआ था. (इनपुट पीटीआई)
VIDEO: विश्वविद्यालय में भगवान हनुमान पर होगा सेमिनार
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