
3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी सौदे में रिश्वत के आरोपों की जांच में सक्रिय नहीं होने के आरोपों को खारिज करते हुए सरकार ने आज कहा कि वह केवल कानून के मुताबिक काम करेगी न कि मामले में विपक्ष को खुश करने के लिए।
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विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने इन सुझावों को भी खारिज कर दिया कि कथित घोटाला ‘बोफोर्स भाग दो’ है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को समझना चाहिए कि बोफोर्स मामले में अधिकतर आरोपों को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है ।
उन्होंने कहा कि मामले को लेकर भारत इटली के अधिकारियों के संपर्क में है और कहा कि जांच के लिए इटली बेहतर जगह है, क्योंकि हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी देश के बाहर की है।
उन्होंने कहा, अगर कोई इसकी जांच कर रहा है तो उसे जांच करने दीजिए। अगर कोई जांच कर रहा है तो क्या आपको अपनी जांच करनी चाहिए जो कि जांच के लिए संभवत: अच्छी जगह है, क्योंकि उत्पादन वहीं होता है और वहीं उसके कार्यालय हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, हम उनके संपर्क में हैं और उम्मीद करते हैं कि वे उचित मंच पर हमें सूचित करते रहेंगे ,जिसका हम उपयोग करेंगे। यह पूछने पर कि क्या उनका मतलब है कि भारत सक्रियता से इसकी जांच नहीं करेगा तो उन्होंने कहा कि सक्रियता कुछ नहीं होती।
खुर्शीद ने कहा कि सरकार इस मामले में सीबीआई का या तो सीधे या फिर अदालतों के माध्यम से सहयोग करेगी। उन्होंने कहा, ‘कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’ विपक्ष के आरोप पर कि यह बोफोर्स भाग दो है, उन्होंने पक्षों से ‘बोफोर्स मामले के अंतिम निष्कर्ष’ मुहैया कराने के बारे में कहा। उन्होंने कहा कि इसके बाद मैं आपको बताऊंगा कि क्या सही है।
उन्होंने कहा, स्पष्ट रूप से अधिकतर आरोपों को अदालत ने खारिज कर दिया। न केवल एक फैसले से बल्कि कई फैसलों से। अब आप अपनी विफलता को इस तर्क पर आगे नहीं ले जा सकते कि अगला कदम सफल होगा। इटली की विमानन कंपनी के प्रमुख को हेलीकॉप्टर सौदे में भारत में 362 करोड़ रुपये रिश्वत देने के संदेह में मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया था।
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