टमाटर की कीमतें कई हफ्तों के बाद घटने लगी हैं, लेकिन अब प्याज़ धीरे-धीरे महंगा होने लगा है. देश के कई बड़े शहरों में प्याज की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए खाद्य मंत्रालय से जुडी संस्था नेशनल कोआपरेटिव कंस्यूमर्स फेडरेशन यानी NCCF ने सोमवार से दिल्ली में 25 रुपये प्रति किलो के रियायती रेट पर प्याज़ बेचना शुरू कर दिया. अगले कुछ दिनों में देश के दूसरे बड़े शहरों में भी 25 रुपये प्रति किलो के रियायती रेट पर प्याज़ की बिक्री शुरू की जाएगी.
देश के कई बड़े शहरों में प्याज़ की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार ने सोमवार से दिल्ली के 10 चुने हुए जगहों पर NCCF के आउटलेट्स और मोबाइल वैन के जरिये 25 रुपये प्रति किलो के रियायती दर से प्याज़ की बिक्री शुरू कर दी.
NCCF के मोबाइल वैन और रिटेल आउटलेट पर भीड़
दिल्ली में NCCF मुख्यालय पर सस्ते प्याज की बिक्री शुरू होते ही आसपास के इलाकों से कुछ ही मिनटों में लोग जमा होने लगे. दिल्ली के कई इलाकों में पिछले कुछ दिनों में प्याज़ की कीमतें 40 से 50 रुपये किलो तक बिक रही हैं. बढ़ती कीमतों से परेशान लोग NCCF के मोबाइल वैन और रिटेल आउटलेट पर सस्ता प्याज़ खरीदने पहुंचे.
10 दिनों में कितने बढ़े प्याज के दाम?
खाद्य मंत्रालय के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, 10 अगस्त से 20 अगस्त, 2023 के बीच यानी 10 दिनों में दिल्ली में प्याज़ की कीमत 30 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 37 रुपये प्रति किलो हो गई. चेन्नई में प्याज की कीमत 27 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 36 रुपये प्रति किलो हुई. बेंगलुरु में प्याज के दाम 29 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 39 किलो प्रति किलो, बरनाला और शहडोल में 25 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 40 रुपये प्रति किलो और होशियारपुर में प्याज के दाम 23 रुपये प्रति किलो बढ़कर 37 रुपये प्रति किलो हो गए.
क्या कहते हैं थोक विक्रेता?
दिल्ली के ओखला मंडी में प्याज के थोक विक्रेता मोहम्मद अकरम कहते हैं, "प्याज़ की सप्लाई घट गई है. इसलिए कीमतें बढ़ रही हैं. 15 दिन पहले ओखला मंडी में प्याज की कीमत 15 से 16 रुपये प्रति किलो थी, जो आज बढ़कर 28 से 32 रुपये प्रति किलो हो गई है. बारिश की वजह से प्याज की तैयार फसल कुछ खराब हुई है. इसकी वजह से सप्लाई घटी है. पहले मंडी में चार गाड़ियां आती थी, अब दो आती हैं".
जाहिर है प्याज के मोर्चे पर चुनौती बड़ी हो रही है. कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार को और बड़े स्तर पर हस्तक्षेप करना होगा. रविवार को खाद्य मंत्रालय ने प्याज के बफर नियम को 3 लाख मिट्रिक टन से बढ़ाकर पांच लाख मिट्रिक टन कर दिया. NAFED और NCCF को निर्देश दिया गया है कि वह इस नए टारगेट को पूरा करने के लिए एक-एक लाख मैट्रिक टन अतिरिक्त प्याज का प्रोक्योरमेंट करें. सरकार की तैयारी आने वाले समय में बाजार में प्याज़ की उपलब्धता और बढ़ाने की है, जिससे कीमतों को नियंत्रित किया जा सके.
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