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This Article is From Sep 11, 2023

WHO के अलर्ट के बाद भारत में 2 दवाओं के नकली संस्करण की बिक्री पर निगरानी रखी जाएगी

डीसीजीआई ने पांच सितंबर को जारी एक परामर्श में कहा कि डब्ल्यूएचओ ने टाकेडा फार्मास्युटिकल कंपनी लिमिटेड द्वारा निर्मित एडसेट्रिस इंजेक्शन 50 मिलीग्राम के कई नकली संस्करणों की पहचान करते हुए एक सुरक्षा चेतावनी जारी की है.

WHO के अलर्ट के बाद भारत में 2 दवाओं के नकली संस्करण की बिक्री पर निगरानी रखी जाएगी
प्रतीकात्मक तस्वीर

भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के औषधि नियंत्रकों को यकृत की दवा ‘डेफिटेलियो' और टाकेडा फार्मास्यूटिकल्स की कैंसर की दवा ‘एडसेट्रिस' (इंजेक्शन) के नकली संस्करणों की बिक्री व वितरण पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया है. डीसीजीआई ने इन दोनों दवाइयों के नकली संस्करणों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा चेतावनी जारी किये जाने के बाद यह निर्देश दिया है.

डीसीजीआई ने पांच सितंबर को जारी एक परामर्श में कहा कि डब्ल्यूएचओ ने टाकेडा फार्मास्युटिकल कंपनी लिमिटेड द्वारा निर्मित एडसेट्रिस इंजेक्शन 50 मिलीग्राम के कई नकली संस्करणों की पहचान करते हुए एक सुरक्षा चेतावनी जारी की है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, भारत सहित चार अलग-अलग देशों में इन नकली दवाइयों की मौजूदगी का पता लगाया गया है.

डीसीजीआई ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के औषधि नियंत्रकों को एक संदेश में कहा, ‘‘ये उत्पाद अक्सर रोगियों को उपलब्ध कराये जाते हैं और अनियमित आपूर्ति श्रृंखलाओं (मुख्य रूप से ऑनलाइन माध्यम) में वितरित होते हैं. उत्पादों की पहचान विनियमित और अवैध दोनों आपूर्ति श्रृंखलाओं में की गई है, कभी-कभी रोगियों के पास भी.''

इसमें कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि कम से कम आठ अलग-अलग बैच संख्या में इन दोनों दवाइयों के नकली संस्करण मौजूद हैं. एडसेट्रिस (ब्रेंटक्सिमैब वेदोटिन) एक सीडी30-निर्देशित एंटीबॉडी-दवा संयुग्म है, जिसका इस्तेमाल ऑटोलॉगस स्टेम सेल प्रतिरोपण और प्रणालीगत एनाप्लास्टिक बड़े सेल लिंफोमा की विफलता के बाद हॉजकिन के लिंफोमा वाले रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है.

डीसीजीआई ने छह सितंबर को एक और परामर्श जारी किया, जिसमें चार सितंबर को डब्ल्यूएचओ द्वारा डेफिटेलियो (डिफाइब्रोटाइड) 80 मिलीग्राम दवा के नकली संस्करण को लेकर सुरक्षा चेतावनी जारी की थी. डब्ल्यूएचओ ने कहा,‘‘यह नकली उत्पाद भारत (अप्रैल 2023) और तुर्किये (जुलाई 2023) में पाया गया है, और विनियमित तथा अधिकृत माध्यमों के बाहर इसकी आपूर्ति की गई थी.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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