मंडोली जेल भेजे गये पूर्व कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार सही ढंग से खाना नहीं खा रहे हैं और वह ‘‘बेचैन'' नजर आ रहे हैं. कुमार ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा तय समयसीमा के अंतिम दिन सोमवार को अदालत के सामने आत्मसमर्पण किया था और उन्हें 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में उम्रकैद की सजा काटने के लिए जेल भेजा गया था. सूत्रों ने मंगलवार को दावा किया कि जेल परिसर की जेल संख्या 14 के वार्ड संख्या एक में बंद सज्जन कुमार ज्यादा बात नहीं कर रहे हैं और जब से जेल में आए हैं, ज्यादातर चुप हैं. एक सूत्र ने कहा, ‘‘वह कल रात फर्श पर सोए लेकिन उन्हें रात को अच्छे से नींद नहीं आई. सुबह भी उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं खाया और किसी से कोई बात नहीं की''.
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सूत्रों ने कहा कि कुमार से मिलने मंगलवार को कोई नहीं आया और वह अवसादग्रस्त नजर आए. वह कई बीमारियों से ग्रस्त हैं और दवाएं खाते हैं. उन्होंने कहा कि 73 साल के पूर्व कांग्रेसी नेता की नियमित मेडिकल जांच हो रही है. कुमार सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामलों में दोषी ठहराए गए पहले बड़े नेता हैं. आपको बता दें 1984 के सिख विरोधी दंगों (1984 Anti Sikh Riots) के पीड़ितों के वकील एचएस फुल्का ने कहा है कि सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) के पास सारे कानूनी विकल्प थे और हमें लग रहा था कि वह सरेंडर से बचने की कोशिश करेगा. वह हाई कोर्ट गया था, सुप्रीम कोर्ट भी गया, लेकिन उसके पास अब कोई विकल्प नहीं बचा था. इसलिए उसको सरेंडर करना पड़ा. फुल्का ने कहा कि यह केस अभी मुकाम पर नहीं पहुंचा है. सुप्रीम कोर्ट में उसने (सज्जन कुमार) अपील डाली है. उस पर सुनवाई होगी. सज्जन कुमार ने जो सुप्रीम कोर्ट में अपील की है उसका हमें विरोध करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट उसको कोई राहत न दे. (इनपुट-भाषा से भी)
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