राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि संतों को देश में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए. भागलपुर के कुप्पा घाट स्थित महर्षि मेंहीं आश्रम में संतों से संवाद करते हुए भागवत ने कहा, ''संतों समेत हम सभी लोग सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए काम कर रहे हैं. संतों को देश में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए सक्रिय रूप से कार्य करना चाहिए.”
मोहन भागवत ने कहा कि सनातन धर्म के लिए यदि कोई चुनौती है तो उसे प्रभावी ढंग से और एकजुट होकर निपटाया जाना चाहिए. भागवत शुक्रवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे महर्षि मेंहीं आश्रम पहुंचे. आश्रम में भागवत का भव्य स्वागत एवं सत्कार किया गया. उनके वहां पहुंचते ही फूल बरसाए गए. भागवत के दौरे को देखते हुए भागलपुर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे.
इस बीच, आरएसएस प्रमुख के मेंहीं आश्रम पहुंचने पर कथित सुरक्षा चूक हुई, जब एक व्यक्ति अचानक आया और भागवत को एक पुस्तक सौंपने का प्रयास किया. कहा गया कि आरएसएस प्रमुख का स्वागत करने वाले लोगों की सूची में उसका नाम नहीं था.
मुन्ना बाबा नाम के इस व्यक्ति ने आरएसएस प्रमुख के पैर छूने की भी कोशिश की. सुरक्षाकर्मियों ने उसे तुरंत रोका और जांच की. पत्रकारों से बात करते हुए भागलपुर के पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) रौशन गुप्ता ने स्पष्ट किया कि मुन्ना बाबा को वास्तव में आश्रम द्वारा आमंत्रित किया गया था.
अखिल भारतीय संत सत्संग संघ के महासचिव दिव्य प्रकाश ने कहा कि मुन्ना बाबा भी आश्रम में नियमित आमंत्रित अतिथि थे. महर्षि मेंहीं आश्रम भागलपुर के बरारी इलाके में कुप्पा घाट नामक प्राचीन गुफा क्षेत्र के पास स्थित है. कुप्पाघाट में एक गुफा है जहां संतमत महर्षि मेंहीं ने कई महीनों तक योग और ध्यान का अभ्यास किया था.
महर्षि मेहीं आश्रम में प्रत्येक वर्ष देश-विदेश से बड़ी संख्या में संतमत के अनुयायी आया करते हैं. इस साल फरवरी में भी भागवत ने आश्रम का दौरा किया था और वहां सद्गुरु निवास के उद्घाटन समारोह में भाग लिया था.
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