सैफ अली खान पर हमले के मामले में पुलिस ने चार्जशीट दायर कर दिया है
बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर हमले के मामले में बांद्रा पुलिस ने चार्जशीट दायर किया है, उसमें बड़ा खुलासा हुआ है. इसके अनुसार हमले के आरोपी सरीफुल इस्लाम को आधार, पैन और भारतीय पासपोर्ट जैसे डॉक्यूमेंट बनाने के लिए पैसे चाहिए थे और इसलिए उसने चोरी करने का प्लान किया था. उसके सहयोगी ने कथित तौर पर इनका इंतजाम करने के लिए उससे 30 हजार रुपये मांगे थे.
चार्जशीट में बताया गया है कि सैफ अली खान के घर सतगुरु शरण में आरोपी कैसे घुसने में कामयाब हुआ. इसमें यह भी बताया गया है कि आरोपी के फिंगरप्रिंट कहां मिले थे, जो लिए गए नमूनों से मेल खाते थे. कैसे हाई-प्रोफाइल पड़ोसी और सुरक्षाकर्मी होने के बावजूद यह हमला हो गया.
पुलिस के सवाल और आरोपी के जवाब
पुलिस: आपका नाम क्या है?
शरीफुल: मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद.
पुलिस: आप कहां से हैं?
शरीफुल: मैं बांग्लादेश से हूं. झालोकाटी जिले में राजबरिया यूनियन, मुरला हाट, नारसिटी में रहता था.
पुलिस: आप भारत कब आए?
शरीफुल: करीब आठ महीने पहले.
पुलिस: आप मुंबई कब आए?
शरीफुल: मैं 15 दिन कोलकाता में रहने के बाद मुंबई पहुंचा. यहां आने के लिए मैंने गीतांजलि एक्सप्रेस ली.
पुलिस: आप मुंबई में कहां रह रहे थे?
शरीफुल: दादर में. मेरी मुलाकात पांडे (अमित) सर से हुई, जिन्होंने मुझे रहने के लिए जगह दी. मैं दादर में एक होटल में काम कर रहा था.
पुलिस: क्या यहां आपके कोई और रिश्तेदार हैं?
शरीफुल: मुंबई में नहीं, लेकिन कोलकाता में मेरे एक चाचा हैं.
पुलिस: उनका नाम क्या है?
शरीफुल: उनका नाम सज्जाद शेख था, लेकिन भारत आने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया. मुझे उनका नया नाम नहीं पता. वे बचपन में कोलकाता आए थे और अब उनका एक परिवार है.
पुलिस: आप हाल ही में क्या कर रहे थे?
शरीफुल: मैंने दो दिन बांद्रा में काम किया, फिर 15 जनवरी को छुट्टी ले ली.
पुलिस: आपने छुट्टी क्यों ली?
शरीफुल: मेरी तबियत ठीक नहीं थी और मैं अपने आधार और पैन कार्ड बनवाना चाहता था. कार्ड के लिए 15,000 रुपये मांगे जा रहे थे इसलिए मैंने चोरी करने के बारे में सोचा.
पुलिस: तुम वास्तव में क्या योजना बना रहे थे?
शरीफुल: एक छोटी सी चोरी, बस इतना ही कि अपने दस्तावेज और पासपोर्ट के लिए पैसे जुटा सकूं, इसलिए मैं 15 तारीख को उस इलाके में गया था.
पुलिस: कौन सी 15 तारीख?
शरीफुल: 15 जनवरी को.
पुलिस: तुमने कहां रेकी की थी?
शरीफुल: बांद्रा पश्चिम के आस-पास, बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास, सैफ के घर पर
चार्जशीट के अनुसार चोरी की वारदात को अंजाम देने से पहले आरोपी सैफ अली खान के घर के पास एक इमारत के लॉन में छिप गया था. शरीफुल ने पुलिस को यह भी बताया की 15 जनवरी को दोपहर को सैफ के घर की इमारत की रेकी करते हुए वो अंदर जाने का रास्ता ढूंढ़ रहा था मगर रास्ता मिला नहीं. कुछ समय रेकी करने के बाद उसने इमारत देखी जिसकी दीवार बाकी इमारतों की तुलना में छोटी थी और इसलिए वो उस इमारत की दीवार से कूद गया और परिसर में घुस गया. आरोपी सीढ़ी से ऊपर चढ़ा मगर दरवाजे बंद थे.
पुलिस: यह दरवाजा वास्तव में कहां था?
शरीफुल: पहली मंजिल पर. फिर मैं एक पाइप पर चढ़ गया और एक बरामदे में पहुंच गया.
पुलिस: कौन सी मंजिल? तीसरी, चौथी या पांचवीं?
शरीफुल: यह पांचवीं या छठी मंजिल से ऊपर था. (याद नहीं आ रहा)
चार्जशीट के अनुसार शरीफुल ने पुलिस को बताया कि वह तब तक सीढ़ियां चढ़ता रहा जब तक उसे एक सेफ्टी नेट नहीं मिला. उसने इसे काटने के लिए एक कटर का इस्तेमाल किया और एक एसी बॉक्स तक पहुंच गया. उस पर चढ़कर, उसने फिर फ्लैट में प्रवेश करने के लिए बाथरूम की खिड़की से कांच के शीशे हटा दिए.
पुलिस: क्या बाथरूम बंद नहीं था?
शरीफुल: हां, ऐसा ही था. जब मैं बाथरूम का शीशा हटा रहा था, तो एक खिलौना घर के अंदर गिर गया. उसके बाद, मैं शीशे हटाने में कामयाब रहा. मैंने सबसे पहले बाथरूम में कदम रखा. तभी मैंने देखा कि एक महिला - केयरटेकर में से एक - अपना फोन देख रही थी. दूसरी महिला सो रही थी, और एक बच्चा (जेह बाबा) बिस्तर पर सो रहा था. “जैसे ही मैं अंदर गया, महिलाओं में से एक ने मुझसे पूछा, ‘तुम कहां से आए हो? तुम्हें क्या चाहिए?' मैंने उससे कहा, ‘मैं यहां किसी को नुकसान पहुंचाने नहीं आया हूं. मैं चोरी करने आया हूं और उसके बाद चला जाऊंगा.' लेकिन वह चिल्लाने लगी, और दूसरी महिला कमरे से बाहर भाग गई.”
पुलिस: आपने उससे और क्या कहा?
शरीफुल: उसने पूछा, ‘तुम किस लिए आए हो?' मैंने कहा कि मुझे 1 करोड़ रुपये चाहिए. मुझे लगा कि भारत में ₹1 करोड़ एक लाख बांग्लादेशी टका के बराबर है. इसलिए मैंने इतना मांगा. मैंने उससे कहा कि पैसे मिलने के बाद मैं चला जाऊंगा. जब मैं महिला से बात कर रहा था, तो पंजाबी पोशाक में एक आदमी - सैफ का जिक्र करते हुए - अंदर आया और मुझे पकड़ लिया. भागने की कोशिश में मैंने उसे चाकू मार दिया.
पुलिस: तुमने उसे कहां चाकू मारा? पेट में?
शरीफुल: नहीं, सर. मैंने उसे पीठ और हाथ पर दो-तीन बार चाकू मारा. फिर उसने मुझपर से अपनी पकड़ ढीली कर दी. उसने मुझे कमरे में धकेल दिया और बाहर से ताला लगा दिया। मैं एक पाइप का इस्तेमाल करके खिड़की से बाहर निकला.
पुलिस: उसके बाद तुम कहां गए?
शरीफुल: मैं नीचे भागा और बगीचे में अपने कपड़े बदले. फिर मैं बस स्टॉप पर गया, अपनी शर्ट बदली और वहीं सो गया. बाद में, मैं बांद्रा स्टेशन गया और वहां से दादर गया.
गौरतलब है कि देश में ऐसे कई बांगलदेशी नागरिक है जो भारत में गैरकानूनी तरीके से रह रहे हैं और भारत में रहते हुए वारदातों को अंजाम देते हैं. मुंबई पुलिस भी लगातार इनपर कार्यवाही कर रही है और उन एजेंट पर भी नकेल कसने की कोशिश कर रही जो इनको नकली भारतीय डॉक्यूमेंट बनवाकर देते हैं.
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