ईशा फाउंडेशन और 'कॉन्शियस प्लैनेट मूवमेंट' के संस्थापक सद्गुरु ने ब्रिटेन (Britain) की राजधानी लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर से धरती बचाने के अपने अभियान के लिए 100 दिनों की बाइक यात्रा शुरू की. इस यात्रा के दौरान 26 देशों में जाएंगे. अपने इस सफर में सद्गुरु तकरीबन 30 हजार किलोमीटर दूरी तय करेंगे. उनकी इस यात्रा का मकसद मिट्टी के क्षरण को रोकने (Save Soil) और मिट्टी की उर्वरता बचाना है.
ब्रिटेन, यूरोप, मध्य पूर्व और भारत होते हुए 30,000 किलोमीटर की बाइक यात्रा करते हुए सद्गुरु अगले कुछ महीनों में 26 देशों का दौरा करेंगे. इस बाइक सफर के दौरान वह मिट्टी बचाने के लिए ठोस कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता पर जोर देने के लिए विश्व के नेताओं, मीडिया, विशेषज्ञों के साथ बातचीत करेंगे. संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन के अनुसार धरती की 90% से अधिक मिट्टी 2050 तक खराब हो सकती है.
जिससे दुनिया भर में भोजन और पानी की कमी हो जाएगी, साथ ही सूखा और अकाल प्रतिकूल जलवायु परिवर्तन, पलायन और विनाशकारी संकट पैदा हो सकते हैं. इसके साथ ही कई प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं. जिसे मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जा रहा है, क्योंकि हमारा ग्रह तेजी से मिट्टी के क्षरण के कारण भोजन उगाने की क्षमता खो रहा है. सद्गुरु 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भारत के कावेरी बेसिन में अपनी यात्रा का समापन करेंगे.
सद्गुरु के नाम से मशहूर जग्गी वासुदेव ने शुक्रवार को लंदन स्थित ‘ताज' में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ''मिट्टी का क्षरण उन स्तरों पर पहुंच रहा है जो खाद्य उत्पादन, जलवायु स्थिरता और इस ग्रह पर जीवन के लिए खतरा हैं.'' ब्रिटिश-भारतीय लॉर्ड जितेश गढ़िया के साथ बातचीत के दौरान सद्गुरु ने कहा, ''हम पर्यावरणविद या परिवेशविज्ञानी नहीं हैं. हम भूल गए हैं कि धरती पर मिट्टी सबसे जीवंत चीज है। यह हर उस चीज का आधार है, जिसे आप जीवन के रूप में जानते हैं.''
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