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This Article is From Dec 05, 2021

सचिन वाजे ने परमबीर सिंह के लिए पैसा इकट्ठा किया : जबरन वसूली मामले में आरोपपत्र में दावा

मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने उपनगरीय गोरेगांव में दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में शहर के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और तीन अन्य के खिलाफ शनिवार को आरोपपत्र दाखिल किया.

सचिन वाजे ने परमबीर सिंह के लिए पैसा इकट्ठा किया : जबरन वसूली मामले में आरोपपत्र में दावा
निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने परमबीर सिंह पर जबरन वसूली का आरोप लगाया है. (फाइल फोटो)
मुंबई:

निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को ‘‘नंबर एक'' बताते हुए उनकी तरफ से वसूली करने का आरोप लगाया है. मुंबई पुलिस ने जबरन वसूली के एक मामले में अपने आरोपपत्र में यह दावा किया है. ऐसा आरोप है कि वाजे के अनुसार वसूली का 75 प्रतिशत पैसा सिंह के पास जाता था और बाकी पैसा वह रखता था. मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने उपनगरीय गोरेगांव में दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में शहर के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और तीन अन्य के खिलाफ शनिवार को आरोपपत्र दाखिल किया. 400 से अधिक पृष्ठों का आरोपपत्र मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस.बी. भाजीपाले के समक्ष दाखिल किया गया.

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सिंह के खिलाफ दाखिल यह पहला आरोपपत्र है. वह महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कम से कम पांच मामलों में नामजद हैं और उन्हें इस हफ्ते की शुरुआत में निलंबित कर दिया गया था. आरोपियों में से सुमित सिंह और अल्पेश पटेल जमानत पर हैं जबकि विनायक सिंह और रियाज भट्टी वांछित आरोपी हैं. आरोपपत्र के अनुसार, तीन से चार गवाहों ने पुष्टि की कि वाजे सिंह को ‘‘नंबर एक'' बुलाता था और कहता था कि ‘‘नंबर एक ने पैसा मांगा है.'' आरोपपत्र में कहा गया है कि वाजे को कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच करने को कहा गया. वह शहर के पुलिस प्रमुख से सीधे मुलाकात करता था और महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा करता था और यह सभी दिखाता है कि वह सिंह का करीबी था.

इसमें कहा गया है कि सिंह, वाजे और अन्य आरोपियों के जरिए क्रिकेट सटोरिये के साथ ही होटल और बार मालिकों से पैसे मांगते थे और पैसे न देने पर उन्हें गिरफ्तार करने तथा उनके प्रतिष्ठानों पर छापे मारने की धमकियां देते थे. यह मामला बिमल अग्रवाल की शिकायत से संबंधित है. इस शिकायत के अनुसार आरोपी ने दो बार और रेस्तरां पर छापेमारी नहीं करने के लिए उससे नौ लाख रुपये की उगाही की और अपने लिए लगभग 2.92 लाख रुपये के दो स्मार्टफोन खरीदने के लिए मजबूर किया. शिकायतकर्ता के अनुसार वह साझेदारी में इन प्रतिष्ठानों को चलाता था. पुलिस ने पहले बताया था कि यह घटना जनवरी 2020 और मार्च 2021 के बीच हुई. इसके बाद छह आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 384, 385, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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