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This Article is From Aug 11, 2020

महीनेभर बाद राजस्थान लौट रहे हैं पायलट, 'आसान घर वापसी' से नाराज गहलोत गए जैसलमेर

ठीक महीने भर बाद प्रदेश लौट रहे पायलट के साथ बहुत बड़ा बदलाव हो चुका है. अब न तो वो डिप्टी सीएम हैं, न ही उनके पास राजस्थान कांग्रेस के चीफ का पद है. वहीं इस समझौते से अशोक गहलोत बहुत खुश नहीं हैं.

महीनेभर बाद राजस्थान लौट रहे हैं पायलट, 'आसान घर वापसी' से नाराज गहलोत गए जैसलमेर
सचिन पायलट एक महीने की सियासी खींचतान के बाद राजस्थान वापस लौट रहे हैं.
नई दिल्ली:

महीने भर पहले राजस्थान कांग्रेस की कैबिनेट मीटिंग छोड़कर दिल्ली आने के बाद अब सचिन पायलट राजस्थान लौट रहे हैं. सोमवार को राजस्थान कांग्रेस के पूर्व चीफ सचिन पायलट, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिले थे, जिसके बाद उन्होंने अपनी समस्याओं पर बातचीत की और आखिरकार मामले में समझौता हो गया था. वो मंगलवार दोपहर तक राजस्थान पहुंच जाएंगे. ठीक महीने भर बाद प्रदेश लौट रहे पायलट के साथ बहुत बड़ा बदलाव हो चुका है. अब न तो वो डिप्टी सीएम हैं, न ही उनके पास राजस्थान कांग्रेस के चीफ का पद है.

सचिन पायलट की सबसे बड़ी इच्छा अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की थी. उन्होंने पार्टी के सामने गहलोत के कामकाज के तरीके को लेकर भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी. एक महीने तक चली खींचतान में गहलोत ने पायलट पर खुलेआम वार किए लेकिन अब वो अपनी 'बगावत की सजा' झेले बगैर राजस्थान लौट रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि पायलट की इतनी आराम से वापसी पर अशोक गहलोत नाराज़ हैं.

मुख्यमंत्री जैसलमेर निकल गए हैं, जहां वो अपने विधायकों से मुलाकात करने वाले हैं. शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है, जहां उन्हें बहुमत साबित करना पड़ सकता है. सूत्रों का कहना है कि गहलोत के विधायक मामले में आए इस मोड़ से नाराज़ और निराश लग रहे हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेता उन्हें मनाने में लगे हुए हैं. गहलोत के सामने भी अब पायलट के लौटने का दर्द और अपने विधायकों को समझाने की मजबूरी है. रविवार को हुई एक बैठक में गहलोत के विधायकों ने कहा था कि बागी विधायकों को उनके 'धोखे' की सजा दी जानी चाहिए और पार्टी में उन्हें वापस नहीं आने दिया जाना चाहिए.

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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, गहलोत यहां पर होटल सूर्यागढ़ में अपने तीन मंत्रियों के साथ जाएंगे और मीटिंग करेंगे. गहलोत कैंप के विधायक विधानसभा सत्र शुरू होने तक यहीं ठहरे हुए हैं. इसके पहले वो जुलाई की शुरुआत से ही जयपुर के एक रिसॉर्ट में ठहरे हुए थे. संभावना है कि गहलोत यहां अपने विधायकों को शांत कराने की कोशिश करेंगे. अभी दो दिन पहले ही उन्होंन विश्वास मत को लेकर अपने विधायकों को एकजुट रहने के लिए कहा था. 

कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि गहलोत को जब पायलट और आलाकमान के बीच हुए समझौते का पता चला तो उन्होंने पार्टी से बात करने की कोशिश की, लेकिन ऊपर से उन्हें मान जाने को कहा गया. दरअसल, गांधी परिवार पायलट को खोना नहीं चाहता है. वहीं, उसकी पूरी कोशिश रही है कि मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने के बाद गिरी कांग्रेस की सरकार एपिसोड सचिन पायलट के चलते राजस्थान में भी न घट जाए.

पायलट वापस तो जा रहे हैं लेकिन गहलोत ने उनसे उनके डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष का पद छीन लिया है, ऐसे में देखना होगा कि वो वहां किस भूमिका में पदार्पण करते हैं और उनकी वापसी दरअसल कैसी रहती है.

Video: राजस्थान अब अपने खेमे के नेताओं को मनाएंगे अशोक गहलोत

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