रूस ने भारत को यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच पश्चिमी देशों द्वारा लगाए जा रहे तेल मूल्य कैप पर काबू पाने में मदद की पेशकश की है. नई दिल्ली में रूसी दूतावास ने कहा कि यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में बीमा सेवाओं और टैंकर चार्टरिंग पर प्रतिबंध पर निर्भर न रहने के लिए, रूस के उप प्रधान मंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने भारत को पट्टे पर देने और बड़ी क्षमता वाले जहाजों के निर्माण में सहयोग की भी पेशकश की है. उन्होंने कहा कि एलेक्जेंडर नोवाक ने शुक्रवार को मास्को में भारतीय राजदूत पवन कपूर के साथ बैठक की. जारी बयान में कहा गया है कि 2022 के पहले आठ महीनों में, भारत में रूसी तेल निर्यात बढ़कर 16.35 मिलियन टन हो गया, गर्मियों में रूस भारत में तेल शिपमेंट के मामले में दूसरे स्थान पर रहा.
पश्चिमी देशों ने यूक्रेन में युद्ध के बीच रूस से तेल खरीदना जारी रखने के भारत के कदम की आलोचना की है. हालांकि भारत ने कई बार यूक्रेन के साथ युद्ध के मुद्दे पर शांति वार्ता का आह्वान किया है, भारत अपने रुख पर अडिग रहा है कि जहां से उसे अच्छा सौदा मिलेगा, वह वहां से तेल खरीदना जारी रखेगा.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 7 दिसंबर को संसद को बताया था कि सरकार भारतीय कंपनियों को रूस से तेल खरीदने के लिए नहीं कहती है, लेकिन यह भारतीय लोगों के हित में सबसे अच्छा सौदा पाने के लिए एक समझदार नीति है. उन्होंने कहा था कि हम अपनी कंपनियों से रूसी तेल खरीदने के लिए नहीं कहते हैं. हम अपनी कंपनियों से तेल खरीदने के लिए कहते हैं, उनके लिए सबसे अच्छा विकल्प क्या है. अब यह इस बात पर निर्भर करता है कि बाजार में उन्हें क्या विकल्प मिलता है. बस इतना है कि हम एक देश से तेल खरीदते हैं. हम कई स्रोतों से तेल खरीदते हैं, लेकिन यह एक समझदार नीति है कि हम भारतीय लोगों के हितों में सबसे अच्छा सौदा करें और यही हम करने की कोशिश कर रहे हैं.
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