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This Article is From Dec 31, 2015

फेल न करने की नीति 'फेल', समिति ने 8वीं में बोर्ड परीक्षा का समर्थन किया

फेल न करने की नीति 'फेल', समिति ने 8वीं में बोर्ड परीक्षा का समर्थन किया
सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्ली: केंद्र द्वारा गठित एक समिति ने स्कूली बच्चों के लिए फेल नहीं करने की नीति में कुछ बदलाव का समर्थन किया है, जिसमें आठवीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा लेना भी शामिल है।

राजस्थान में शिक्षा मंत्री वासुदेव देवयानी की अध्यक्षता वाली समिति ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से चौथी कक्षा तक छात्रों को फेल नहीं करने की सिफारिश करने का फैसला किया है, जबकि सभी कक्षाओं में मूल्यांकन पर जोर दिया है।

इसने पांचवीं कक्षा के लिए परीक्षा लेना राज्य सरकारों पर छोड़ने का निर्णय किया है। गौरतलब है कि फेल नहीं करने की नीति के तहत आठवीं कक्षा तक छात्रों को फेल नहीं किया जाता है।

बता दें कि इस नीति की आलोचना भी खूब होती है। फेल न होने के डर से छात्र जहां पढ़ाई करने से बचते हैं वहीं टीचर भी इसमें ढिलाई बरतते हैं। इसका असर ये होता है कि 9वीं-10वीं में बड़ी संख्या में छात्र फेल होते हैं।

राजस्थान सरकार द्वारा जारी एक बयान के अनुसार समिति ने छठी और सातवीं कक्षा में फेल नहीं करने का समर्थन करते हुए आठवीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा की सिफारिश करने का फैसला किया है।

बयान में देवयानी के हवाले से बताया गया है कि समिति ने इस मुद्दे पर 22 राज्यों से सुझाव मांगे और 18 राज्यों ने इसे बदलने के तरीके और इसे बेहतर करने के बारे में अपने विचार सौंपे हैं।

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