बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र आर्लेकर (Governor Rajendra Arlekar) ने सोमवार को कहा कि राज्य में कानून का शासन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की ‘‘सर्वोच्च प्राथमिकता'' है. राज्यपाल ने बजट सत्र के शुरुआती दिन राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘राज्य में कानून का शासन कायम है... यही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. कानून और व्यवस्था में सुधार के लिए (पुलिस) बल की ताकत बढ़ाई गई है.''
राज्यपाल ने राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कल्याणकारी कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने पहले ही प्रदेश में मंदिरों और कब्रिस्तानों की चहारदीवारी कराने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा, “ बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड में पंजीकृत 419 मंदिरों (60 वर्ष से अधिक पुराने) की चहारदीवारी का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है. ऐसा बिहार भर के कई पुराने मंदिरों से मूर्तियों की चोरी के मामलों के बाद किया गया है.''
राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि सरकार राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, “राज्य सरकार ने 2006 से कब्रिस्तानों की चहारदीवारी का काम शुरू कर दिया है. राज्य सरकार ने चहारदीवारी के काम के लिए कुल 9273 संवेदनशील कब्रिस्तानों की पहचान की है. कुल 9273 कब्रिस्तानों में से 8519 कब्रिस्तानों की चहारदीवारी का काम पहले ही पूरा हो चुका है.”
3.63 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी : राज्यपाल
राज्यपाल ने कहा, ‘‘बिहार सरकार जल्द ही राज्य के युवाओं को 10 लाख सरकारी नौकरियां और 10 लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल कर लेगी. राज्य सरकार इस दिशा में काम कर रही है.''
उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक राज्य में 3.63 लाख लोगों को सरकारी नौकरियां प्रदान की हैं और भर्ती अभियान जारी है.
राज्यपाल ने कहा कि इसके अलावा राज्य सरकार पहले ही राज्य के युवाओं को पांच लाख रोजगार के अवसर प्रदान कर चुकी है.
सरकार कमजोर वर्गों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध : राज्यपाल
उन्होंने कहा कि सरकार समाज के सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है.
राज्यपाल ने कहा, “जाति आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार बिहार में लगभग 94 लाख परिवार गरीब हैं. सरकार ने हाल ही में राज्य की सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में वंचित जातियों के लिए आरक्षण 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया है. आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए पहले से मौजूद 10 प्रतिशत आरक्षण के साथ अब राज्य में नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का कुल प्रतिशत 75 फीसद होगा.”
राज्यपाल के भाषण के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी कर व्यवधान डालने की कोशिश की.
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