संयुक्त राष्ट्र में मंगलवार को राजदूत रुचिरा कंबोज ने यूएन महासचिव एंटोनियो गुतेरेस को अपने क्रिडेंशियल (परिचय पत्र) दिए. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि का पंद संभाला है. वो न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली महिला स्थायी प्रतिनिधि/राजदूत बनी हैं. 58 साल की रुचिरा कंबोज 1987 के बैच की भारतीय विदेश सेवा अफसर हैं. वो इसके पहले भूटान में भारत की राजदूत रह चुकी हैं. टीएस तिरुमूर्ति के जाने के बाद जून में उन्हें यूनाइटेड नेशंस में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त किया गया था.
रुचिरा कंबोज ने कहा कि वह एक ऐसे रचनात्मक कार्यकाल की कामना कर रही हैं, जो देश के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बाकी बचे कार्यकाल में और उसके बाद भी भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को बहुपक्षीय ढांचे का रूप दे पाए.
उन्होंने एक ट्वीट किया कि "आज मैंने अपने क्रिडेंशियल संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतेरेस को दिए. यह पद संभालने के वाली पहली भारतीय महिला बनना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है. मैं सभी लड़कियों से कहना चाहूंगी, हम यह कर सकते हैं."
Today,have presented my credentials to the Secretary General of the United Nations @antonioguterres as Permanent Representative/Ambassador to the @UN. A privilege to be the first Indian woman to be given the honour to hold this position
— Ruchira Kamboj (@RuchiraKamboj) August 2, 2022
To the girls out there,we all can make it! pic.twitter.com/i1D7Qof2tc
कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख को परिचय पत्र सौंपने से पहले सोमवार को ट्वीट किया था, “ सुरक्षा परिषद में आज अपने सभी सहयोगी राजदूतों से मिलकर बहुत अच्छा लगा. इस नए पद के जरिए अपने देश की सेवा करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है.” कंबोज के पूर्ववर्ती राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने उनके ट्वीट का जवाब दिया, “बधाई और आपकी सफलता के लिए शुभकामनाएं रुचिरा!”
कंबोज ने ऐसे समय में पदभार ग्रहण किया है, जब 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का अस्थायी सदस्य के रूप में दो साल का कार्यकाल इस साल दिसंबर में समाप्त होने वाला है. दिसंबर में देश संयुक्त राष्ट्र की इस शक्तिशाली निकाय की अध्यक्षता भी करेगा.
काफी लंबा है कंबोज का करियर
कंबोज इसके पहले भी यूएन के साथ काम कर चुकी हैं. उन्होंने 2002-05 में न्यूयॉर्क में यूएन ऑफिस में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर के तौर पर काम किया है.
उनकी एक और खास उपलब्धि है. वो 1987 में सिविल सर्विस ब्रांच में पूरे देशभर में टॉप करने वाली महिला अभ्यर्थी थीं, इतना ही वो उसी साल के विदेशी सेवा ब्रांच की टॉपर भी थीं. उन्होंने अपना डिप्लोमैटिक करिया की शुरुआत पेरिस से की थी, जहां वो 1989-91 के दौरान फ्रांस में भारतीय दूतावास में थर्ड सेक्रेटरी के तौर पर कार्यरत रहीं.
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पेरिस के बाद वो दिल्ली वापस लौटीं, यहां उन्होंने 1991-96 के बीच विदेश मंत्रालय के यूरोप वेस्ट डिवीजन में अंडर सेक्रेटरी के तौर पर काम किया. 1996-1999 के बीच वो मॉरिशस वो फर्स्ट सेक्रेटरी फिर पोर्ट लुई में भारतीय उच्चायोग में हेड ऑफ चांसरी रहीं. रुचिरा कंबोज साउथ अफ्रीका में भी हाई कमिश्नर रह चुकी हैं. उन्होंने 17 मई, 2019 को भूटान के राजदूत का पद संभाला था.
भारत के अलावा यूएन में कुछ और गिने-चुने देश हैं, जिनकी ओर से यूएन में राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि महिलाएं हैं. इनमें यूएस की एंबेसेडर लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड, यूके की पीआर एंबेसेडर बारबरा वुडवर्ड, नॉर्वे की राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि मोना जूल, यूएई की राजदूत लाना ज़की नुसेबेह हैं. आयरलैंड की पीआर एंबेसेडर जेराल्डीन नेसन भी इस सूची में शामिल हैं.
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