 
                                            रुचिका गिरहोत्रा के परिवार ने हरियाणा के पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौड़ के खिलाफ प्रताड़ना आरोप खत्म किए जाने संबंधी सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर कोई आपत्ति नहीं जताई है।
                                            
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                                                                                चंडीगढ़: 
                                        रुचिका गिरहोत्रा के परिवार ने हरियाणा के पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौड़ के खिलाफ प्रताड़ना आरोप खत्म किए जाने संबंधी सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर कोई आपत्ति नहीं जताई है।
रुचिका ने हरियाणा के पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौड़ द्वारा छेड़छाड़ किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली थी। जांच एजेंसी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस हिरासत में रुचिका के भाई आशु को प्रताड़ित किए जाने की बात को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। इसके अलावा पीड़ित की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट पर उसके पिता एससी गिरहोत्रा के फर्जी दस्तखत का भी कोई सबूत नहीं है।
सीबीआई ने इन दोनों मामलों में क्लोजर रिपोर्ट 2010 में दाखिल की थी। इसे पंचकुला में सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को स्वीकार कर लिया। पंचकुला अदालत के समक्ष पेश एससी गिरहोत्रा और आशु ने सीबीआई के इस कदम पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
आशु ने आरोप लगाया था कि छेड़छाड़ मामले के बाद राठौड़ के इशारे पर उसके खिलाफ वाहन चोरी का झूठा मुकदमा दर्ज किया गया और हरियाणा पुलिस ने उसे प्रताड़ित किया। राठौड़ उस समय आईजी रैंक का आधिकारी था। सीबीआई ने कहा कि आरोप के समर्थन में कोई सबूत नहीं है।
                                                                        
                                    
                                रुचिका ने हरियाणा के पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौड़ द्वारा छेड़छाड़ किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली थी। जांच एजेंसी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस हिरासत में रुचिका के भाई आशु को प्रताड़ित किए जाने की बात को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। इसके अलावा पीड़ित की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट पर उसके पिता एससी गिरहोत्रा के फर्जी दस्तखत का भी कोई सबूत नहीं है।
सीबीआई ने इन दोनों मामलों में क्लोजर रिपोर्ट 2010 में दाखिल की थी। इसे पंचकुला में सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को स्वीकार कर लिया। पंचकुला अदालत के समक्ष पेश एससी गिरहोत्रा और आशु ने सीबीआई के इस कदम पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
आशु ने आरोप लगाया था कि छेड़छाड़ मामले के बाद राठौड़ के इशारे पर उसके खिलाफ वाहन चोरी का झूठा मुकदमा दर्ज किया गया और हरियाणा पुलिस ने उसे प्रताड़ित किया। राठौड़ उस समय आईजी रैंक का आधिकारी था। सीबीआई ने कहा कि आरोप के समर्थन में कोई सबूत नहीं है।
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