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कांग्रेस के 8 सांसदों पर गिरेगी 'विशेषाधिकार हनन' की गाज? स्पीकर ओम बिरला ने शुरू की जांच

जपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस के 8 सांसदों—हिबी ईडन, डीन कुरियाकोस, एस मुरासोली, के गोपीनाथ, शशिकांत सेंथिल, शफी परम्बिल, एस वेंकटेशन और जोतिमणि के खिलाफ विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना का नोटिस दिया है.

कांग्रेस के 8 सांसदों पर गिरेगी 'विशेषाधिकार हनन' की गाज? स्पीकर ओम बिरला ने शुरू की जांच
आठ कांग्रेस सांसदों के खिलाफ भाजपा सदस्य के विशेषाधिकार हनन नोटिस पर विचार कर रहे अध्यक्ष बिरला (फाइल फोटो)
PTI

Delhi News: बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने कांग्रेस के 8 लोकसभा सदस्यों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन (Privilege Motion) और सदन की अवमानना का नोटिस दिया है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस नोटिस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं और माना जा रहा है कि जल्द ही इन सांसदों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है.

क्या है पूरा विवाद?

विवाद की शुरुआत गुरुवार को सदन में वीबी-जी राम जी विधेयक (VB-G Ram Ji Bill) पर चर्चा के दौरान हुई. यह विधेयक 20 साल पुराने मनरेगा (MGNREGA) कानून की जगह लेने के लिए लाया गया है. जब कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) विधेयक पर चर्चा का जवाब दे रहे थे, तब विपक्ष ने इसका तीखा विरोध किया. आरोप है कि कांग्रेस सांसद सदन की मर्यादा लांघते हुए वेल तक पहुंच गए, विधेयक की प्रतियां फाड़ीं और विरोध दर्ज कराने के लिए मेजों पर खड़े हो गए.

निशिकांत दुबे के निशाने पर कौन से 8 सांसद हैं?

दुबे ने अपने नोटिस में कांग्रेस के निम्नलिखित सदस्यों को नामजद किया है:-

  1. हिबी ईडन
  2. डीन कुरियाकोस
  3. एस मुरासोली
  4. के गोपीनाथ
  5. शशिकांत सेंथिल
  6. शफी परम्बिल
  7. एस वेंकटेशन
  8. जोतिमणि

'अशोभनीय व्यवहार और कामकाज में बाधा'

निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को सौंपे पत्र में गंभीर आरोप लगाए हैं. दुबे का आरोप है कि सांसदों ने शिवराज सिंह चौहान और सदन के अधिकारियों को उनके संवैधानिक कर्तव्यों के निर्वहन से रोका. उन्होंने इसे स्पीकर के अधिकारों की अवज्ञा और सामूहिक रूप से संसद की अवमानना करार दिया. दुबे ने अध्यक्ष से आग्रह किया है कि इन सांसदों के खिलाफ मिसाल कायम करने वाली कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.

विधेयक पर रार: मनरेगा बनाम नया बिल

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल नए विधेयक का कड़ा विरोध कर रहे हैं. विपक्ष का तर्क है कि 'वीबी-जी राम जी विधेयक' ग्रामीण रोजगार गारंटी की मूल भावना को कमजोर करेगा, जबकि सरकार इसे मनरेगा के आधुनिकीकरण और अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम बता रही है.

आगे क्या हो सकता है?

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अब इस नोटिस की जांच करेंगे. नियमों के मुताबिक, 'अध्यक्ष सांसदों से स्पष्टीकरण मांग सकते हैं. इस मामले को विशेषाधिकार समिति (Privileges Committee) को भेजा जा सकता है. जांच में दोषी पाए जाने पर सांसदों को निलंबित किया जा सकता है.'

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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