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This Article is From Dec 17, 2011

रुचिका केस : कैट ने राठौड़ की पेंशन बहाल की

चंडीगढ़: केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने रुचिका गिरहोत्रा छेड़छाड़ मामले में दोषी करार दिए गए हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपीएस राठौड़ की पेंशन बहाल कर दी है। कैट के इस फैसले से रुचिका को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करने वाले उसके मित्रों को हैरानी हुई है। न्यायमूर्ति एसडी आनंद के नेतृत्व वाली कैट की खंडपीठ ने राठौड़ की पेंशन बहाल करने का आदेश दिया, जिसे केंद्र ने गत वर्ष जून महीने में रोक दिया था। चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत ने 12 अगस्त, 1990 को 14 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी रुचिका के साथ छेड़छाड़ करने के लिए 69 वर्षीय राठौर को दिसम्बर, 2009 में छह महीने कठोर जेल की सजा सुनाई थी। रुचिका ने अपने साथ ही हुई घटना के तीन वर्ष बाद आत्महत्या कर ली थी। पीठ का मानना था कि यह माना जा सकता है कि सक्षम प्राधिकारी ने पेंशन को स्थायी आधार पर रोकने का वैध ढंग से निर्देश नहीं दिया हो। रुचिका के पारिवारिक मित्र आनंद प्रकाश ने कहा कि यह खबर उनके लिए हैरान करने वाली है। प्रकाश ने कहा, निश्चित रूप से यह मेरे, अभिभावकों और जनता के लिए निराशाजनक है कि राठौड़ को पूर्ण पेंशन प्राप्त हो गई है, जबकि वह किसी भी चीज के लायक नहीं। उन्होंने कहा, हम अपने सलाहकारों से विचार-विमर्श कर रहे हैं। यदि कोई गुंजाइश होगी, तो हम अदालत जाएंगे। पेंशन ऐसी स्थिति में बहाल नहीं होनी चाहिए, जब कि राठौर के खिलाफ कई प्राथमिकियां अभी भी लंबित हैं। उनकी पत्नी मधु प्रकाश ने कहा, यह व्यवस्था की खामी है। पहले तो उसे इतने लंबे समय बाद सजा मिली। इस दौरान राठौड़ को सुविधाएं, पदोन्नति और सभी चीजें मिली। मैं कैट के निर्णय से बहुत निराश हूं।

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