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This Article is From Jul 12, 2016

पर्यटक इस तरह चुका रहे हैं कश्मीर में जारी संघर्ष की कीमत, एक हवाई टिकट = 20,000 रुपये...

पर्यटक इस तरह चुका रहे हैं कश्मीर में जारी संघर्ष की कीमत, एक हवाई टिकट = 20,000 रुपये...
कश्मीर में हिंसा का नया दौर शुरू हो गया है, और वहां पहुंचे हुए पर्यटक जल्द से जल्द राज्य से बाहर निकलना चाहते हैं, इसलिए भारी कीमत चुका रहे हैं... NDTV ने पाया कि सुबह 4 बजे श्रीनगर एयरपोर्ट के दरवाज़े बंद थे, लेकिन सैकड़ों लोग बाहर खड़े उनके खुलने का इंतज़ार कर रहे थे... इनमें से ज़्यादातर ने पूरी रात यहीं सड़क पर बिताई...

ज़्यादातर लोगों को अपनी छुट्टियां कम कर लौटना पड़ रहा है, और रातभर से वे एयरपोर्ट पर ही फंसे हुए हैं, क्योंकि कर्फ्यू और हिंसा की वारदातों के चलते उन्हें रात में ही यहां आना पड़ा था...

घाटी के सभी 10 जिलों में लगा हुआ है कर्फ्यू...
शुक्रवार को खुफिया विभाग के नेतृत्व में की गई पुलिस कार्रवाई में हिज़्ब-उल-मुजाहिदीन का कमांडर बुरहान वानी मारा गया था, और तब से भड़की हिंसा की घटनाओं में अब तक 23 लोग मारे जा चुके हैं, और लगभग 400 लोग, जिनमें 90 सुरक्षाकर्मी हैं, घायल हुए हैं... घाटी के सभी 10 जिलों में कर्फ्यू लागू है...

एयरपोर्ट पर इंतज़ार कर रही पर्यटक आहना ने बताया, "हम आधी रात को चले थे, और लगभग 2 बजे यहां पहुंचे थे... हमारी फ्लाइट कल 2:40 बजे है... हम यहां फुटपाथ पर इंतज़ार नहीं कर सकते थे, इसलिए अर्जेंट फ्लाइट बुक करनी पड़ी... अभी-अभी हमें टिकट मिली हैं, 20,000 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से..."

जम्मू में भी अटके हैं ढेरों अमरनाथ यात्री...
इस बीच, जम्मू में भी ढेरों अमरनाथ यात्री अटके हुए हैं, जो कश्मीर की तरफ जाने की अनुमति मिलने का इंतज़ार कर रहे हैं, क्योंकि शनिवार को हिंसक विरोध-प्रदर्शन शुरू होने के बाद से यात्रा को निलंबित कर दिया गया है...

तीर्थयात्रियों में से एक लक्ष्मी ने बताया, "हम लोगों ने सुबह से कुछ भी नहीं खाया है... बस, इधर-उधर भटक रहे हैं, और वक्त काट रहे हैं... हमारे पास ऐसी कोई जगह नहीं, जहां हम जा सकें... हम 33 लोग हैं..."

पूरी तरह भरे हुए हैं बेस कैम्प...
जम्मू में बने एक बेस कैम्प में 1,500 तीर्थयात्रियों को ठहराने की व्यवस्था है, और इस वक्त वह पूरी तरह भरा हुआ है... सैकड़ों अन्य तीर्थयात्री इन दिनों आसपास के मंदिरों में डेरा डालने के लिए मजबूर हैं...

इनके अलावा दर्शन के बाद लौटते हुए पहलगाम और बालताल में फंसे लगभग 25,000 तीर्थयात्रियों को आज ही जम्मू पहुंचाया गया है, जिससे तीर्थयात्रियों की रिहाइश का संकट गहरा गया है...

धर्मशालाओं में ठहरने की जगह नहीं...
कश्मीर से लौटकर आए तीर्थयात्री अमित कुमार ने बताया, "हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है... हमारी कार को रोका गया, और आगे बढ़ने से मना कर दिया गया... हम यहां अग्रवाल धर्मशाला पहुंचे, तो बताया गया कि ठहरने के लिए कोई जगह नहीं है..."

उधर, प्रशासन द्वारा हालात को नियंत्रण में रखने के लिए उठाए गए एहतियाती कदमों के चलते भी पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की दिक्कतें बढ़ गई हैं... राज्य में इंटरनेट सेवाएं अब भी पूरी तरह ठप हैं... श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाइवे अब भी बंद है, और रेलसेवाएं भी निलंबित हैं...

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