प्रवर्तन निदेशालय का मुख्यालय.(फाइल फोटो)
कोलकाता:
रोज वैली चिटफंड घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को 239 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की. इस घोटाले में पश्चिम बंगाल और ओडिशा के हजारों लोगों के साथ कथित रूप से ठगी हुई है. केन्द्रीय जांच एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय ने धन शोधन निषेध कानून के तहत यहां प्रोविजनल कुर्की आदेश जारी किया. गौरतलब है कि एजेंसी अभी तक 1,950 करोड़ रुपये बाजार कीमत की संपति कुर्क कर चुकी है. एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा, ताजा मामले में 293 करोड़ रुपये (बाजार) कीमत की संपति की कुर्की का आदेश है.
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कुंडु को 2015 में किया गया था गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए कानून के तहत 2014 में फर्म, उसके चेयरमैन गौतम कुंडु और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक प्राथमिकी दर्ज की थी. कुंडु को एजेंसी ने 2015 में गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में जेल में हैं. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय कोलकाता और भुवनेश्वर की अदालतों में कई आरोप पत्र दाखिल कर चुका है. समूह ने कथित चिटफंड के लिए कथित तौर पर कुल 27 कंपनियां खोली. इनमें से महज 6 सक्रिय थीं.
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15,000 करोड़ रुपये की अनियमित्ताएं हुईं
प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई द्वारा इस संबंध में समूह के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने से पहले सेबी ने कंपनी की जांच की थी. निदेशालय के अनुसार इस मामले में 15,000 करोड़ रुपये की कथित अनियमित्ताएं हुई हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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कुंडु को 2015 में किया गया था गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए कानून के तहत 2014 में फर्म, उसके चेयरमैन गौतम कुंडु और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक प्राथमिकी दर्ज की थी. कुंडु को एजेंसी ने 2015 में गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में जेल में हैं. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय कोलकाता और भुवनेश्वर की अदालतों में कई आरोप पत्र दाखिल कर चुका है. समूह ने कथित चिटफंड के लिए कथित तौर पर कुल 27 कंपनियां खोली. इनमें से महज 6 सक्रिय थीं.
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15,000 करोड़ रुपये की अनियमित्ताएं हुईं
प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई द्वारा इस संबंध में समूह के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने से पहले सेबी ने कंपनी की जांच की थी. निदेशालय के अनुसार इस मामले में 15,000 करोड़ रुपये की कथित अनियमित्ताएं हुई हैं.
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