यूपी के उन्नाव में हुए भीषण सड़क हादसे में 18 लोगों के मारे जानें की खबर है. मरने वालों में महिलाओं के साथ-साथ एक बच्चा भी है. आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों से सड़क हादसे की कई घटनाएं सामने आ चुकी है. इन हादसों में कई लोगों ने अपनी जान भी गवाई है. देश में सड़क हादसों में जान गवाने वालों की बात करें तो ये बेहद डरावनी है. अगर बात बीते कुछ वर्षों में सड़क हादसों में जान गवाने वाले लोगों की करें तो इसमें बीतें कुछ वर्षों में इजाफा हुआ है. राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर राज्यमार्ग तक पर होने वाले हादसों में बीते कुछ वर्षों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. अगर बात राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए हादसों की करें तो इस लिस्ट में तमिलनाडु सबसे ऊपर है. यानी तमिलनाडु से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर सबसे ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं. वहीं अगर बात राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए कुल आंकड़ों की करें तो ये बीते पांच सालों में बढ़ें है. चलिए आज हम आपको आंकड़ों की मदद से बताते हैं कि आखिर 2018 से 2022 तक किन राज्यों में और किन मार्गों पर सबसे ज्यादा हादसे हुए हैं.
राष्ट्रीय राजमार्ग पर 10 राज्यों में हुए सबसे हादसे
राज्यों से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए सड़क हादसों की करें तो इस लिस्ट में सबसे पहले नंबर है तमिलनाडु. तमिलनाडु में 2018 में कुल सड़क हादसे 22,961 थे जबकि 2019 में यह आंकड़ा 21, 489 था, वहीं 2020 में तमिलनाडु से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुल सड़क हादसे 18372 दर्ज किए थे. 2021 की बात करें तो 2020 की तुलना में सड़क हादसों में कुछ कमी देखी गई थी और यह आंकड़ा 16,869 था. हालांकि, 2022 में इसमें एक बार फिर बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. और यह आंकड़ा 2021 की तुलना में 12.5 फीसदी बढ़कर 18,972 था.
राष्ट्रीय मार्ग पर हुए सड़क हादसों के मामले में दूसरे स्थान पर केरल, तीसरे पर यूपी, चौथे पर मध्यप्रदेश, पांचवें पर कर्नाटक, छठे स्थान पर महाराष्ट्र, सातवें स्थान पर आंध्र प्रदेश, आठवें,नौंवे और दसवें स्थान पर तेलंगाना, राजस्थान और बिहार था. 2022 में अगर राष्ट्री राजमार्ग पर हुए हादसों की करें तो यह कुल हादसों का 76.4 फीसदी है. वर्ष 2022 में राष्ट्रीय हाईवे पर कुल 1,16,099 हादसे हुए थे.
किन राज्यों में सबसे ज्यादा मौतें
केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें जिन राज्यों में हो रही है उनमें सबसे टॉप पर मिजोरम है. मिजोरम में सड़क हादसों में घायल लोगों में से 85 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है. वहीं बिहार में ये आंकड़ा 82.4 फीसदी का है. पंजबा में ऐसे मामलों में 77.5 फीसदी लोगों की मौत हो जा रही है. जबकि झारखंड, लक्षद्वीप मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में यह आंकड़ा 75.3, 66.7, 65.9,65.2 फीसदा का है. जबकि अगर पूरे भारत की बात करें तो यह आंकड़ा 36.5 फीसदी का है. यानी अगर पूरे देश भर में अगर 100 लोग सड़क हादसे का शिकार हो रहे हैं तो उनमें से 36.5 फीसदी लोगों की मौत हो जा रही है.
सड़क हादसों के अलग-अलग ट्रेंड
बीते कुछ वर्षों में अगर सड़क हादसों के अलग-अलग ट्रेंड की बात करें तो 2005 में कुल सड़क हादसों की संख्या 4,39,255 थी. इनमें गंभीर हादसों की संख्या 83,491 थी जो 19 फीसदी है. इस हादसे में मरने वालों की संख्या 94,968 जबकि घायलों की संख्या 4,65,282 थी. इसी तरह 2006 में 4,60,920 कुल हादसे हुए थे जिनमें गंभीर हादसों की संख्या 93,917 थी. इन हादसों में मरने वालों की संख्या 1 लाख से ज्यादा थी. वहीं गंभीर रूप से घायलों की अगर बात करें तो करीब पांच लाख के करीब थी. अगर बात 2018 की करें तो उस साल कुल सड़क हादसे 4,70,403 दर्ज किए गए थे. इनमें से गंभीर रूप हादसों की संख्या 1,37,726 थी. इन हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या 1,57,593 थी जबकि घायलों की संख्या साढ़े चार लाख से भी ज्यादा थी. वहीं 2019 में कुल हादसों की संख्या 4,56,959 थी, इनमें से गंभीर हादसों की संख्या 1,45,332 थे. इन हादसों में जिन लोगों की जान गई उनकी संख्या 1,58,984 थी, वहीं घायल होने वालों में 4,49,360 लोग शामिल थे.
2020 में सड़क हादसों की कुल संख्या 3,72,181 थी, इसमें से गंभीर हादसों की संख्या 1,27,307 थी. जबकि इन हादसों मे मरने वालों की संख्या 1,38,383 थी. वहीं घायल होने वालों की संख्या भी तीन लाख से ज्यादा है. 2021 में कुल हादसों की संख्या 4,12,432 थी. इनमें गंभीर हादसों की संख्या 1,55,781 थी. इन हादसों में मरने वालों की संख्या डेढ़ लाख से ज्यादा थी. जबकि घायलों की संख्या पौने चार लाख से ज्यादा थी. बात अगर 2022 की करें तो इस साल कुल सड़क हादसों की संख्या 4,61,312 थी जिनमें से गंभीर हादसों की संख्या 1,55,781 थी. इन हादसों में 1,68,491 की मौत हुई थी, जबकि 4,43,366 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे.
फैटल हादसों की संख्या हर साल बढ़ी
बात अगर गंभीर हादसों की करें तो 2018 में ऐसे हादसों की कुल संख्या 1,57,593 थी. जबकि 2019 में गंभीर सड़क हादसों की कुल संख्या 1,45,332 थी. हालांकि, 2020 में 1,27,307 ऐसे हादसे सामने आए थे. वहीं 2021 में 1,42,163 ऐसे हादसे हुए थे. अगर बात 2022 में हुए गंभीर सड़क हादसों की करें तो 2021 की तुलना में गंभीर सड़क हादसों की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया था. 2022 में गंभीर सड़क हादसों की कुल संख्या 1,55,781 थी.
2021 और 2022 में कितने लोग ऐसे हादसों में मारे गए
सड़क हादसों की बात करें तो वर्ष 2021 में कुल सड़क हादसे 4,12,432 थी. इन हादसों में 1,53,972 की मौत हुई थी जबकि 3,84,448 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. इस साल ऐसे हादसों में जान गंवाने वालों का प्रतिशत 37.3 फीसदी थी. वहीं अगर बात 2022 की करें तो इस साल कुल हादसों की संख्या 4,61,312 थी. इन हादसों में अपनी जान गवाने वालों की कुल संख्या 1,68,491 थी. जबकि घायल लोगों की संख्या 4,43,366 थी. इस साल ऐसे हादसों में जान गवाने वालों का प्रतिशत 36.5 रहा था.
किन सड़कों पर कितने हादसे
राष्ट्रीय राजमार्ग पर 2022 में हुए कुल हादसों की बात करें तो इस साल कुल 1,51,997 दुर्घटनाएं हुई थी. इन हादसों में 61,038 लोगों की मौत हुई थी जबकि 1,44,352 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. अगर बात राज्यमार्गों की करें तो 2022 में इन सड़कों पर हुए कुल हादसों की संख्या 1,06,682 थी. जबकि इन हादसों में जान गवाने वालों की संख्या 41 हजार से भी ज्यादा थी. वहीं अगर बात घायलों की करें तो ये संख्या 1,06,485 थी.
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