नई दिल्ली:
रिटायर हो जाने के बाद जज किसी विशेषाधिकार का दावा नहीं कर सकते। यह बात मंगलवार को देश के प्रधान न्यायाधीश चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कही।
रिटायर्ड जजों के भत्तों और सुविधाओं से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान रिटायर्ड जज एसोसिएशन की ओर से कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज को चंडीगढ़ के एक अस्पताल में लाइन में लगना पड़ा।
इस जानकारी पर चीफ जस्टिस ने सवाल किया, "इससे क्या हुआ...? जजों को भी लाइन में लगना चाहिए..."
चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान में कहा कि रिटायर्ड जज विशेषाधिकार, यानी प्रिविलेज नहीं दिखा सकते। उन्होंने एक टिप्पणी में यहां तक कहा कि अगर रिटायर्ड जज KFC में बर्गर के लिए लाइन में लग सकते हैं, तो दूसरी जगहों पर भी लाइन में लगना चाहिए। उन्होंने कहा, कभी-कभी गुमनाम व्यक्ति की तरह लाइन में लगना फायदेमंद हो जाता है।
रिटायर्ड जजों के भत्तों और सुविधाओं से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान रिटायर्ड जज एसोसिएशन की ओर से कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज को चंडीगढ़ के एक अस्पताल में लाइन में लगना पड़ा।
इस जानकारी पर चीफ जस्टिस ने सवाल किया, "इससे क्या हुआ...? जजों को भी लाइन में लगना चाहिए..."
चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान में कहा कि रिटायर्ड जज विशेषाधिकार, यानी प्रिविलेज नहीं दिखा सकते। उन्होंने एक टिप्पणी में यहां तक कहा कि अगर रिटायर्ड जज KFC में बर्गर के लिए लाइन में लग सकते हैं, तो दूसरी जगहों पर भी लाइन में लगना चाहिए। उन्होंने कहा, कभी-कभी गुमनाम व्यक्ति की तरह लाइन में लगना फायदेमंद हो जाता है।
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