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बिहार में SIR पर क्या थमेगा बवाल? सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी सबकी निगाहें, यहां पढ़ें हर अपडेट

सुप्रीम कोर्ट आज SIR को लेकर कोई बड़ा फैसला सुना सकता है. मंगलवार को भी इस मुद्दे पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गई थी.

बिहार में SIR पर क्या थमेगा बवाल? सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी सबकी निगाहें, यहां पढ़ें हर अपडेट
बिहार के SIR को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज भी होगी सुनवाई
  • बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट रिवीजन यानी SIR को लेकर सूबे में राजनीतिक विवाद जारी है
  • सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को नागरिकता प्रमाण के बजाय पहचान प्रमाण के रूप में स्वीकार करने का निर्देश दिया है
  • चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता सूची से नाम हटाए जाने का कारण प्रकाशित करने या अलग सूची बनाने की आवश्यकता नहीं है
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नई दिल्ली:

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट रिवीजन यानी SIR को लेकर सूबे में सियासी घमासान मचा हुआ है. इस सियासी खींचतान के बीच सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर सुनवाई जारी है. इस मामले में मंगलवार को भी सुनवाई हुई थी, दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें दी. ऐसा माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट SIR को लेकर आज कोई बड़ा फैसला सुना सकता है. आपको बता दें कि पहले दिन की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कई अहम टिप्पणियां भी की. कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग सही कह रहा है कि आधार को नागरिकता के निर्णायक प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है. ज्‍यादा से ज्‍यादा यह किसी की पहचान का प्रमाण हो सकता है. आधार ऐक्ट की धारा 9 ऐसा कहती है.  

वहीं, चुनाव आयोग ने सुनवाई के दौरान कोर्ट से कहा कि नियमों के अनुसार चुनाव आयोग को शामिल न किए गए लोगों की अलग सूची तैयार करने की आवश्यकता नहीं है.नियमों के अनुसार चुनाव आयोग को किसी को शामिल न किए जाने का कारण प्रकाशित करने की आवश्यकता नहीं है.ऐसी किसी भी सूची को अधिकार के रूप में नहीं मांगा जा सकता है.जिन लोगों को शामिल नहीं किया गया है, वे सभी इसका उपायों का सहारा ले सकते हैं.चुनाव आयोग ने कहा कि उसके पास ऐसा करने का अधिकार है.उसके पास यह निर्धारित करने का संवैधानिक कर्तव्य और अधिकार है कि मतदाताओं द्वारा नागरिकता की आवश्यकता पूरी की गई है या नहीं, लेकिन मतदाता के रूप में अयोग्य ठहराए जाने के कारण किसी व्यक्ति की नागरिकता समाप्त नहीं की जाएगी.  

सुप्रीम कोर्ट में SIR पर बड़ी सुनवाई LIVE: 

आधार कोई पक्का सबूत नहीं... SIR की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान 

SIR पर मंगलावर को जारी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर भी बड़ी टिप्पणी की थी. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि आधार कार्ड को निवास का अंतिम और पक्का सबून नहीं माना जा सकता है.

मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कोर्ट मे अपनी दलीलें दी, कोर्ट ने भी उनकी दलीलों पर प्रतिक्रिया दी. चलिए जानते हैं कि आखिर कपिल सिब्बल ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान क्या कुछ कहा था. 

कपिल सिब्‍बल ने क्‍या कहा?

  • सिब्बल: नए वोटर को मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए फॉर्म 6 भरना होता है. उसी फॉर्म में डेट ऑफ बर्थ के लिए दस्तावेजी सबूत की सूची में आधार कार्ड को दूसरे नंबर पर रखा गया है, लेकिन SIR में चुनाव आयोग आधार को स्वीकार नहीं कर रहा है. 

  • सिब्बल: अगर कोई व्यक्ति कहता है कि मैं भारत का नागरिक हूं तो इसे सिद्ध करने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग पर है. एक नागरिक सिर्फ जानकारी दे सकता है, जिसे किसी नागरिक भारतीय होने पर संदेह है ये उस सरकारी विभाग को ही साबित करना होगा. 

सुप्रीम कोर्ट ने क्‍या कहा?

  • सुप्रीम कोर्ट : पहले हम प्रक्रिया की जांच करेंगे. इसके बाद हम वैधता पर विचार करेंगे. 

  • सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा: हमें कुछ तथ्य और आंकड़े चाहिए होंगे
  • चुनाव आयोग: ये केवल ड्राफ्ट रोल है, नागरिकों को आपत्ति दर्ज करने का मौका दिया गया. 
  • सुप्रीम कोर्ट: यदि वास्तव में मृत व्यक्ति को जीवित और जीवित व्यक्ति को मृत दिखाया गया है, तो हम चुनाव आयोग से जवाब-तलब करेंगे. 
  • सुप्रीम कोर्ट: पीड़ित पक्ष अदालत के समक्ष क्यों नहीं आते?

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