खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी महीने में तीन महीने के उच्च स्तर 6.52 प्रतिशत पर पहुंच गयी. इसके साथ ही महंगाई एक बार फिर रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर चली गयी है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में 5.72 प्रतिशत और जनवरी 2022 में 6.01 प्रतिशत थी. खाद्य पदार्थों की महंगाई दर जनवरी में 5.94 प्रतिशत रही जो दिसंबर में 4.19 प्रतिशत थी. इससे पहले, खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में उच्च स्तर 6.77 प्रतिशत पर थी. भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है. केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है.
एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के हिसाब से शहरी इलाकों में महंगाई 6 फीसदी पर पहुंच गई है जबकि दिसंबर में यह 5.39 फीसदी पर थी. वहीं ग्रामीण इलाकों में दिसंबर में महंगाई 6.05 फीसदी पर थी जबकि जनवरी में यह 6.85 पर आ गई है. बता दें कि यह डाटा ग्रामीण इलाकों के 1181 बाजारों से और शहरी क्षेत्र में 1114 बाजारों से एकत्र किया गया है.
बता दें कि भारत में महंगाई दर में कमी आने की संभावना जताई जा रही थी. महंगाई को काबू में करने के लिए आरबीआई लगातार रेपो रेट में इजाफा करता जा रहा है और साथ ही कई बैंकों ने जमा पर भी ज्यादा ब्याज देने का ऐलान किया है. हाल ही में आईएमएफ (IMF) की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में भारत की मुद्रास्फीति 6.8 फीसदी से कम होकर 5 फीसदी पर आ सकती है. लेकिन आज के आंकड़े महंगाई के बढ़ने की ओर संकेत कर रहे हैं. माना जा रहा था कि साल 2024 में महंगाई के और घटकर 4 फीसदी पर आने की संभावना है.
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