
नई दिल्ली: 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत अपनी सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन कर रहा है. पुनर्निर्मित कर्तव्य पथ पर आयोजित इस परेड कार्यक्रम में 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, मंत्रालयों और विभागों के साथ-साथ भारतीय सशस्त्र बलों के मार्चिंग दल भाग ले रहे हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ परेड का नेतृत्व करते हुए.

भारतीय सेना की 61 कैवलरी रेजिमेंट, वर्तमान में दुनिया की एकमात्र सक्रिय घुड़सवार इकाई है.

पहली बार, मिस्र के सशस्त्र बलों के एक संयुक्त बैंड और मार्चिंग दल ने परेड में भाग लिया.

K-9 वज्र-T स्व-चालित बंदूक प्रणाली की एक टुकड़ी.

मशीनीकृत इन्फैंट्री रेजिमेंट को "आज की सेना में कल की रेजिमेंट" कहा जाता है.

भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों के योगदान को मान्यता देने वाली भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों के निदेशालय द्वारा एक झांकी.

पहली बार भारतीय नौसेना की झांकी पर मौजूद अग्निवीर महिलाएं.

असम की ये झांकी राज्य के सबसे महान जनरल लचित बोरफुकन को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ अहोम सेना का नेतृत्व किया था.

इस झांकी में सबसे आगे लद्दाख का मठवासी मुखौटा नृत्य है.

उत्तराखंड की झांकी में जिम कार्बेट राष्ट्रीया पार्क नजर आया. इसमें हिरण, राष्ट्रीय पक्षी मोर सहित कई तरह के पशु पक्षी नजर आए.

जम्मू और कश्मीर का विषय "नया जम्मू और कश्मीर" है

हरियाणा की झांकी में कुरुक्षेत्र में महाभारत की लड़ाई को दर्शाया गया है.

417 नर्तकियों की एक टीम ने महिला सशक्तिकरण का प्रदर्शन करते हुए "वंदे भारतम्" पर शानदार प्रस्तुति दी.

डेयरडेविल का एक समूह मोटरसाइकिल के ऊपर स्टंट करते हुए.

भारतीय वायु सेना, नौसेना और सेना के 50 विमान कर्तव्य पथ से गुज़रते हुए.
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