असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की फाइल तस्वीर
गुवाहाटी:
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने राज्य के कार्यवाहक राज्यपाल पीबी आचार्य को बदलने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से तुरंत हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में गोगोई ने आरोप लगाया कि असम के प्रभारी राज्यपाल के तौर पर आचार्य के कायम रहने से संसदीय लोकतंत्र के कामकाज में कठिनाई आएगी और राज्य का धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना कमजोर होगा।
(पढ़ें : असम के राज्यपाल बोले - हिंदुस्तान हिंदुओं के लिए, मुसलमान पाकिस्तान जाने को स्वतंत्र)
उन्होंने कहा, 'हमने अपने राज्य में पीबी आचार्य का स्वागत किया था, क्योंकि हमें लगता था कि उच्च संवैधानिक पद पर वह निष्पक्ष, सावधानीपूर्वक काम करेंगे। हालांकि मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि पद संभालने के बाद से असम के राज्यपाल ने पद की गरिमा को कम किया है।
उधर, असम में किसानों के संगठन कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) ने शनिवार को राजभवन का घेराव करते हुए राज्यपाल को उनके कथित 'सांप्रदायिक नजरिये' के लिए हटाने की मांग की।
राजभवन के सामने केएमएसएस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केएमएसएस प्रमुख और आरटीआई कार्यकर्ता अखिल गोगोई ने राज्यपाल को हटाने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने 'हिंदुस्तान हिंदुओं के लिए है; कहकर संविधान का उल्लंघन किया।
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उन्होंने कहा, 'हमने अपने राज्य में पीबी आचार्य का स्वागत किया था, क्योंकि हमें लगता था कि उच्च संवैधानिक पद पर वह निष्पक्ष, सावधानीपूर्वक काम करेंगे। हालांकि मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि पद संभालने के बाद से असम के राज्यपाल ने पद की गरिमा को कम किया है।
उधर, असम में किसानों के संगठन कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) ने शनिवार को राजभवन का घेराव करते हुए राज्यपाल को उनके कथित 'सांप्रदायिक नजरिये' के लिए हटाने की मांग की।
राजभवन के सामने केएमएसएस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केएमएसएस प्रमुख और आरटीआई कार्यकर्ता अखिल गोगोई ने राज्यपाल को हटाने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने 'हिंदुस्तान हिंदुओं के लिए है; कहकर संविधान का उल्लंघन किया।
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