जयपुर के शहीद स्मारक पर धरने पर बैठीं पुलवामा में शहीद हुए 3 जवानों की पत्नियां और उनके परिवार के साथ भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के समर्थकों को पुलिस ने धरना स्थल से हटा दिया है. 10 दिनों से अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे तीनों शहीदों के परिवार को आज तड़के तीन बजे धरना स्थल से हटाया गया. वहीं किरोड़ी लाल मीणा को हिरासत में लिया गया है.
तीन मांगों को लेकर था धरना
बीजेपी सांसद ने सरकार के सामने तीन मांगें रखीं थीं. पहली मांग ये है कि एक शहीद के परिवार में कोई बालिग नहीं है, ऐसे में शहीद के भाई को सरकारी नौकरी दी जाए. दूसरी मांग ये है कि सड़क और स्कूल का निर्माण शहीद के नाम पर हो. तीसरी मांग ये है कि तीनों शहीदों की मूर्तियां लगाई जाएं. इन मांगों को लेकर उन्होंने कांग्रेस नेता सचिन पायलट को चिट्ठी भी लिखी थी.
बीजेपी सांसद ने सीएम पर साधा निशाना
इससे पहले बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने 28 फरवरी को गहलोत सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि पुलवामा हमले के दौरान कार्रवाई में 5 जवान शहीद हो गए थे. पिछले 5 साल से उनकी बहादुर पत्नियां मुआवजे के लिए चक्कर काट रही हैं. इस मामले में मंगलवार को अशोक गहलोत का भी बयान सामने आया. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के माध्यम से बीजेपी पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगाया है.
तीन जवानों की विधवाएं नहीं चाहतीं जीना
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (Pulwama) जिले में 2019 में हुए आतंकवादी हमले (Terror Attack)) में शहीद हुए सीआरपीएफ (CRPF) के तीन जवानों की विधवाओं ने राजस्थान सरकार (Government of Rajasthan) पर उनसे किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र (Governor Kalraj Mishra) से अपनी जीवन लीला समाप्त करने की अनुमति मांगी है. भाजपा के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी मीणा ने 5 मार्च को यह दावा किया था.
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