उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में बारिश से हालात खराब हैं. वहीं उत्तराखंड की बात करें तो अगले 5 दिनों तक बारिश से राहत नहीं मिलने वाली. भारी बारिश को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है. डीजीपी ने कहा है कि 13 जुलाई तक पर्यटक उत्तराखंड ना आएं. भारी बारिश के कारण गंगा सहित सभी नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. बारिश के कारण सोनप्रयाग और गौरीकुंड में केदारनाथ यात्रा भी रोक दी गई है. भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों को बेवजह घर से न निकलने और तीर्थयात्रियों को मौसम की जानकारी लेकर आने की अपील की है.
मौसम विभाग ने आज के लिए जारी किया है ये अनुमान
मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि आज हमने उत्तराखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी मध्य प्रदेश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. बिहार, पश्चिम बंगाल, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के लिए हमने रेड अलर्ट जारी किया है. इसके अलावा बाकी उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए हमने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. अति भारी बारिश के फोरकास्ट की वजह से इन राज्यों में बहने वाली बड़ी नदियों में पानी काफी ज्यादा जमा हो रहा है, इससे बाढ़ की संभावना काफी बढ़ गई है.
पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में रेनफॉल डिफिशिएंसी 1 जून से 11 जुलाई तक -19% है. साउथ पेनिनसुलर इंडिया मैं आमतौर पर बारिश ज्यादा होती है, लेकिन इस साल 1 जून से 11 जुलाई के बीच इस क्षेत्र में रेनफॉल डिफिशिएंसी -23% है. इस दौरान उत्तर-पश्चिमी भारत में औसत से 62% ज्यादा बारिश हुई है, जबकि मध्य भारत में औसत से 4% ज्यादा बारिश हुई है. इंटीरियर महाराष्ट्र, इंटीरियर कर्नाटका, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ ... इन सभी राज्यों में औसतन अब तक जितनी बारिश होती है, इस बार नहीं हुई है. बंगाल और उड़ीसा के भी कुछ इलाकों में औसतन जितनी बारिश होती है, इस बार नहीं हुई है.
इस साल का मॉनसून पिछले साल के मॉनसून से अलग है. आमतौर पर मॉनसून सीजन में हम ये उम्मीद करते हैं कि मॉनसून थ्रू एक्टिव होगा और बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया फॉर्म होंगे, जिसकी वजह से पूर्वी भारत, उत्तर पूर्वी भारत और साउथ Pensinsular इंडिया में भारी बारिश होगी, लेकिन इस मॉनसून सीजन मे अब तक बंगाल की खाड़ी मे सिर्फ एक लो प्रेशर एरिया बना है. इस वजह से पूर्वी भारत और उत्तर पूर्वी भारत के इलाकों में इस बार और सबसे कम बारिश हुई है.
दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. आज सुबह यमुना का जलस्तर 207.14 मीटर रिकॉर्ड हुआ है. हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने की वजह से दिल्ली में ये हालात बन रहे हैं. यमुना नदी से सटे इलाकों में पानी बढ़ता ही जा रहा है, जिसके कारण लोग खासा परेशान हैं. यमुना का पानी का अब मजनूं का टीला के पास बनी मोनेस्ट्री मार्केट में घुसने का खतरा पैदा हो गया है. इस बीच हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, लेकिन सुविधाएं नहीं मिलने से लोग परेशान हैं और खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं. दिल्ली में इससे पहले 1978 में यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर तक पहुंच गया था.
हिमाचल में जल प्रलय
भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश के हालात भी काफी खराब हैं. हिमाचल के कई जिलों में आज भी भारी बारिश का रेड अलर्ट है. एहतियातन सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रखे गए हैं. हिमाचल के मंडी, कुल्लू समेत सात जिलों में भारी बारिश हो रही है. राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री के मुताबिक- 24 जून को मॉनसून आने के बाद से भारी बारिश के कारण अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 8 से 10 लोग लापता है. इसके साथ ही 73 घरों को नुकसान पहुंचा है और 373 मवेशियों की मौत भी हुई है. भारी बारिश, बाढ़ से 761 करोड़ की संपत्ति को नुक़सान पहुंचा है. सिरमौर में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से भारी नुकसान हुआ है और यहां एक पुल ढह गया है. बारिश की वजह से यहां मंदिर के चारों तरफ़ पानी भर गया है. पहाड़ से पानी नीचे की तरफ तेज रफ्तार से बहता दिख रहा है.
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